पहला क्रिकेटर जिसकी टेस्ट क्रिकेट में पहली गेंद पर 6 लगा था,अश्विन-शाकिब के साथ अनोखी रिकॉर्ड लिस्ट में हैं शामिल
Sohag Gazi: यूं तो हैदराबाद टेस्ट के दौरान बहुत कुछ ऐसा हुआ जो याद रहेगा- फिर भी टेस्ट शुरू होने का नजारा अद्भुत था। इंग्लैंड की तरफ से नई गेंद से अटैक शुरु किया मार्क वुड और डेब्यू कर रहे स्पिनर टॉम हार्टले ने और जब हार्टले ने पहला ओवर फेंका तो जायसवाल ने उनकी पहली ही गेंद पर वाइड लांग-ऑन पर छक्का जड़ दिया। किसी भी गेंदबाज को टेस्ट क्रिकेट में, अपनी पहली गेंद पर 6 का शॉट लगते देखना कभी भूलेगा नहीं। यहां तो इसी ओवर एक और 6 और अगले ओवर में दो और 4 लगे।
खैर जब पहली गेंद पर 6 लगा तो जिस एक और गेंदबाज को, ऐसा ही नजारा देखने के लिए, सबसे ज्यादा याद किया गया वे सोहाग गाजी हैं। बांग्लादेश के इस ऑफ-ब्रेक गेंदबाज ने 2012 में टेस्ट डेब्यू किया वेस्टइंडीज के विरुद्ध मीरपुर में और ऐसा लगता है कि हार्टले ने उनकी कॉपी की। देखिए-
- दोनों स्पिनर और अपनी टीम की तरफ से नई गेंद से अटैक शुरू किया
- दोनों के करियर की पहली गेंद पर 6 लगा
- दोनों के पहले ओवर में कुल दो 6 लगे
- दोनों ने डेब्यू टेस्ट में 9 विकेट लिए
- दोनों ने जब बैटिंग की तो जो पहली गेंद खेली उस पर 4 लगाया
कौन थे ये सोहाग गाजी? इस अनोखे रिकॉर्ड ने उन्हें खूब चर्चा दिलाई पर चूंकि करियर में सिर्फ 10 ही टेस्ट हैं इसलिए ये तो साफ़ है कि बहुत ज्यादा नहीं खेल पाए (इसकी भी वजह हैं) लेकिन जितना भी खेले, वह खूब चर्चा वाला था। उनकी टेस्ट में पहली गेंद पर 6 लगाया था क्रिस गेल ने- सीधे लांग-ऑन बाउंड्री बोर्ड के ऊपर। गेल ने अगला 6 चौथी गेंद पर लगाया- ठीक उसी तरफ। उस ओवर में कुल 18 रन बने। गेल बहरहाल कोई लंबी इनिंग नहीं खेल पाए और संयोग से उन्हें गाज़ी ने ही आउट किया- एक नए खिलाड़ी के लिए ये बहुत बड़ा विकेट था।
वैसे टेस्ट के इस पहले दिन के खेल को इस नए खिलाड़ी के प्रदर्शन से ज्यादा एक और घटना के लिए चर्चा मिली। शिवनारायण चंद्रपॉल ने अपने 'शतक' का जश्न उस वक्त ही मनाना शुरू कर दिया जब वास्तव में वे 99 पर थे- ट्रैक को चूमने के लिए घुटने टेक दिए और बैट उठाकर अभिवादन किया। तब ड्रेसिंग रूम से उन्हें इशारा किया गया कि इस रिकॉर्ड के लिए अभी एक और रन की जरूरत है। गलती उनकी नहीं, बड़े स्क्रीन के स्कोरर की थी।
सोहाग गाजी ने इस डेब्यू पारी में 3-145 की गेंदबाजी की और दूसरी पारी में 6-74 का प्रदर्शन किया पर हार्टले की तरह से वे अपनी टीम के लिए टेस्ट नहीं जीत पाए थे और वेस्टइंडीज ने 77 रन से जीत हासिल की।
सोहाग गाजी का जिक्र एक और बड़े अद्भुत रिकॉर्ड में आता है- एक ही टेस्ट में 100 बनाया, 5 विकेट लिए जिनमें हैट्रिक भी थी। और किसी ने ऐसा प्रदर्शन नहीं किया है।
अब सवाल ये उठता है कि अगर इतने बेहतर खिलाड़ी थे तो करियर रिकॉर्ड में सिर्फ 10 टेस्ट, 20 वनडे और 10 टी20 इंटरनेशनल ही क्यों हैं? आखिरी बार 5 जुलाई 2015 को दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध मीरपुर में एक टी20 मैच में टाइगर प्रतीक जर्सी पहनी थी- विकेट नहीं मिला और 2 ओवर में 16 रन दिए। वे आज तक ये मानते हैं उन्हें खेलने के पूरे मौके नहीं दिए गए। असल में गड़बड़ तब शुरू हुई जब आईसीसी ने रिपोर्ट मिलने पर उनके गेंदबाजी एक्शन को 'गलत' करार दे दिया। इसी से टीम से निकले और जब वापस लौटे तो बहुत कुछ बदल चुका था।
आरोप था कि गेंदबाजी करते हुए अपना बाजू तय 15 डिग्री से ज्यादा मोड़ते हैं (पहली बार शिकायत बेंगलुरु में शफी दाराशाह टूर्नामेंट में एक अंपायर ने की थी और उसके बाद वेस्टइंडीज टूर पर शिकायत हुई) और 8 अक्टूबर 2014 को उन पर प्रतिबंध लगा दिया। एक्शन पर मेहनत की, उसे बदला और 7 फरवरी 2015 को इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी को हरी झंडी मिल गई थी पर अब वे पहले की तरह टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए। ये भी बड़ा अजीब और अनोखा किस्सा है- सोहाग ने, उस समय के चीफ कोच चंडिका हाथरुसिंघे (श्रीलंका) पर मीडिया के सामने आरोप लगाया कि उन्हें कभी भी सीधे तौर पर टीम से बाहर रखने की वजह के बारे में कुछ नहीं बताया गया। कोच ने मीडिया से कह दिया- वे फिट नहीं हैं। इससे मामला और बिगड़ गया। सोहाग आज भी कहते हैं कि उन्हें नजरअंदाज कर, गलत खिलाड़ियों को चुना और टीम का नुकसान किया।
सोहाग गाज़ी ने टेस्ट में 100 रन बनाने और हैट्रिक का रिकॉर्ड चटगांव में न्यूजीलैंड के विरुद्ध अक्टूबर 2013 में बनाया था- इसी से टेस्ट ड्रा हुआ और यही एक ख़ास उपलब्धि थी। मजे की बात ये है कि नंबर 8 पर बल्लेबाजी करते हुए ये शतक (101*) बनाया था और गेंदबाजी में रिकॉर्ड 6-77 था जिसमें एक हैट-ट्रिक थी। एक टेस्ट में शतक बनाने और 5 विकेट लेने वाले सिर्फ तीसरे खिलाड़ी बने (अन्य दो : शाकिब अल हसन और आर अश्विन)। आलोक कपाली के बाद टेस्ट हैट्रिक लेने वाले दूसरे बांग्लादेशी बने।
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बांग्लादेश क्रिकेट में एक ऑफ स्पिनर दुर्लभ है- तब भी सोहाग गाजी की क्रिकेट की सही कद्र नहीं हुई।