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'धोनी ने खिड़की पर खटखटाया मैं और गैरी कर्स्टन मुड़े...', युवराज से पहले धोनी के आने की पूरी सच्ची कहानी

धोनी ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में आठ चौकों और दो छक्कों की मदद से सिर्फ 79 गेंदों पर नाबाद 91 रनों की पारी खेली थी।

Nitesh Pratap
By Nitesh Pratap April 12, 2022 • 18:07 PM
Cricket Image for 2011 Wc Final Paddy Upton On Ms Dhoni Batting Ahead Of Yuvraj Singh
Cricket Image for 2011 Wc Final Paddy Upton On Ms Dhoni Batting Ahead Of Yuvraj Singh (MS Dhoni and Yuvraj Singh )
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2011 विश्व कप फाइनल मुकाबले में विराट कोहली के आउट होने के बाद धोनी का बल्लेबाजी करने आने कई कारणों से आकर्षण का कारण रहा था। युवराज सिंह मीडिया ऑर्डर में 2011 विश्व कप में भारत के सबसे सफल खिलाड़ी थे और धोनी फाइनल मुकाबले से पहले बुरी तरह से आउट ऑफ फॉर्म थे। उस वक्त युवराज को पांचवें नंबर पर भेजना सामान्य होता। लेकिन फिर, अगर सब कुछ स्क्रिप्ट के अनुसार होता तो धोनी का वो मिडास टच कहीं खो सा जाता।

फाइनल मुकाबले में धोनी ऊपर बल्लेबाजी करने आए और आठ चौकों और दो छक्कों की मदद से सिर्फ 79 गेंदों पर नाबाद 91 रनों की पारी खेली। धोनी ने नुवन कुलसेकरा की गेंद पर सिक्स लगाया और टीम इंडिया 2011 विश्व कप जीत गई। 11 साल बाद भी युवराज से पहले धोनी के आने को लेकर भारतीय क्रिकेट सर्किट में चर्चा होती है। यह किसका निर्णय था? 2011 विश्व कप में भारत के मेंटल कंडिशन कोच पैडी अप्टन ने खुलासा किया है कि ये धोनी का ही फैसला था।

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इंडियन एक्सप्रेस के लिए पैडी अप्टन ने लिखा, 'मुझसे अक्सर बल्लेबाजी क्रम में धोनी के ऊपर आने के बारे में पूछा जाता है कि आखिर वो युवराज से पहले क्यों आए थे। मैं आपको आंखो देखी बात बता रहा हूं ना कि कोई कहानी जो मैंने सुनी है।'

पैडी अप्टन ने लिखा, 'धोनी को हमेशा खेल के दौरान ड्रेसिंग रूम के अंदर रहना पसंद था ना कि बाहर बैठना। उस दिन भी ऐसा ही था। वो वानखेड़े ड्रेसिंग रूम में लगे शीशे के पीछे थे। गैरी बाहर बैठा था और मैं उसके ठीक बगल में था। मुझे स्पष्ट रूप से याद है,मैंने खिड़की पर दस्तक सुनी। गैरी और मैं एक ही समय में घूमे। वो धोनी थे, उन्होंने संकेत दिया कि वो आगे बल्लेबाजी करने जाएंगे। बस इतना ही था। सांकेतिक भाषा। गैरी ने सिर्फ सिर हिलाया।'

पैडी अप्टन ने आगे लिखा,'दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई। धोनी ने फैसला किया था कि यह उनके लिए टीम के लिए खड़े होने का समय है। उन्होंने फाइनल से पहले आठ मैचों में कुछ भी नहीं किया था। वहीं युवराज ने अपना काम बखूभी किया था, उन्होंने टूर्नामेंट में अपना योगदान दे दिया था। वो पल धोनी जैसे किसी के लिए तय किया गया था।'

पैडी अप्टन ने लिखा, 'यह क्षण उनके नेतृत्व और साहस का प्रमाण मात्र था, इसने गैरी के साथ उनके संबंधों के बारे में बहुत कुछ बताया। ध्यान रहे, गैरी को खड़े होने और इस कदम के गुण और दोषों पर चर्चा करने के लिए धोनी के साथ बातचीत करने की आवश्यकता नहीं थी। यह सिर्फ एक ही पृष्ठ पर टीम के दो नेता थे। कांच पर दस्तक, उसने खुद की ओर इशारा करते हुए, गैरी का इशारा किया ... और हो गया।'

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 मुझे स्पष्ट रूप से याद है कि जब धोनी सीढ़ियों से नीचे उतरे, तो मैं गैरी की ओर मुड़ा और कहा, 'क्या आपको पता है कि धोनी हमें विश्व कप दिलाने के लिए वहां जा रहे हैं?'मुझे पूरा विश्वास था कि धोनी ट्रॉफी के साथ वापस आएंगे।'बता दें कि भारत ने श्रीलंका को छह विकेट से हराकर 28 साल बाद विश्व कप अपने नाम किया था।


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