Exclusive: इन पांच वजहों से कोहली और टीम इंडिया के लिए महत्वपूर्ण है इंग्लैंड वन डे सीरीज
भारत औऱ इंग्लैंड के बीच 15 जनवरी से पुणे में तीन मैचों की वन डे सीरीज का पहला मुकाबला खेला जाएगा। मैचों के हिसाब से सीरीज बेशक छोटी है लेकिन टीम इंडिया और उसके फैंस के लिहाज से यह सीरीज
भारत औऱ इंग्लैंड के बीच 15 जनवरी से पुणे में तीन मैचों की वन डे सीरीज का पहला मुकाबला खेला जाएगा। मैचों के हिसाब से सीरीज बेशक छोटी है लेकिन टीम इंडिया और उसके फैंस के लिहाज से यह सीरीज काफी खास है। आइए हम आपको पांच ऐसे कारण जो इस सीरीज को बहुत ही महत्वपूर्ण बनाते हैं।
कोहली को मिलेगी धोनी की विराट विरासत
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2017 की शुरुआत में भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सबको चौंकाते हुए भारत की लिमिटेड ओवर टीम की कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया। जिसके बाद विराट कोहली को टेस्ट के साथ-साथ वन डे औऱ टी-20 टीम की कप्तानी भी सौंपी गई।
कोहली इससे पहले 17 वन डे मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी कर चुके हैं। लेकिन नियमित कप्तान के तौर पर यह उनकी पहली सीरीज होगी। टेस्ट में अपनी कप्तानी का लोहा मनवा चुके कप्तान कोहली पर वन डे में भी उसी ही कमाल की उम्मीद होगी।
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धोनी भारतीय क्रिकेट को जिस ऊंचाई पर लेकर गए हैं, कोहली पर उस स्तर को और ऊपर ले जाने की जिम्मेदारी होगी। जिम्मेदारी मिलने पर कोहली का खेल और निखरता है, जिसका उदाहरण सब टेस्ट क्रिकेट में देख चुके हैं। धोनी से मिली इस विरासत को विराट आगे बढ़ाना चाहेंगे।
धोनी अब कूल तो हैं लेकिन कप्तान नहीं:
भारतीय क्रिकेट में जब भी महेंद्र सिंह धोनी का नाम लिया जाता है तो हर किसी के दिमाग में एक ही शब्द आता है “कैप्टन कूल”। इंग्लैंड के खिलाफ वन डे सीरीज में धोनी कूल तो दिखेंगे लेकिन कप्तान नहीं होंगे। पिछले 10 सालों में यह पहला मौका होगा जब धोनी मैदान पर बतौर कप्तान नहीं सिर्फ एक विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर उतरेंगे।
राहुल द्रविड़ की कप्तानी में 2007 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को शर्मनाक शिकस्त का सामना करना पड़ा था। स्टार खिलाड़ियों से भरी टीम पहले ही राउंड में क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी। जिसके बाद साफ हो गया था कि भारतीय क्रिकेट में कई बड़े बदलाव आनें वाले हैं।
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सिलेक्टर्स ने सबको चौंकाते हुए युवराज सिंह और वीरेंद्र सहवाग की बजाय सितंबर 2007 में धोनी की टी-20 की कप्तानी सौंपी। सिलेक्टर्स को सही ठहराते हुए उसी साल धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को टी-20 चैंपियन बनवाया।
2009 में टेस्ट रैकिंग में नंबर 1 और 28 साल बाद 2011 में टीम इंडिया को वर्ल्ड कप चैंपियन बनाया। 2013 में इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के साथ वह भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान बने।
टीम रैकिंग का है खेल
वन डे रैकिंग के लिहाज से भी यह सीरीज टीम इंडिया के लिए काफी अहम है। भारत अगर इस सीरीज में इंग्लिश टीम को क्लीन स्विप भी कर देता है तो उसे अंकों में फायदा होगा लेकिन पायदान वही रहेगा। लेकिन अगर भारत यह सीरीज इंग्लैंड के हाथों गवां देता है तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
ऑस्ट्रेलिया फिलहाल रैंकिंग में पहले स्थान पर है। साउथ अफ्रीका दूसरे, भारतीय टीम तीसरे, इंग्लैंड पांचवें और पाकिस्तान आठवें स्थान पर है।
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भारतीय टीम के अभी रैंकिंग में 111 अंक हैं और अगर उन्होंने इंग्लैंड को 3-0 से हराया तो उसके 114 अंक हो जाएँगे और साउथ अफ्रीका के 116 अंकों से वो सिर्फ दो अंक पीछे रहेगी। लेकिन अगर इंग्लैंड ये सीरीज जीत लेती है तो फिर भारत पांचवें और इंग्लैंड चौथे स्थान पर आ सकती है। न्यूजीलैंड की टीम फ़िलहाल चौथे स्थान पर है और भारत के हारने से उन्हें एक स्थान का फायदा होगा।
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भारतीय कप्तान विराट कोहली इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की वन डे बल्लेबाजों की रैंकिंग में मौजूदा समय में दूसरे स्थान पर हैं और इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली सीरीज में रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंचने की कोशिश करेंगे।
रैकिंग में नंबर 1 स्थान पर साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज एबी डिविलियर्स हैं। हाल ही में टीम इंडिया के नियमित वन डे कप्तान बने कोहली, डिविलियिर्स से 13 अंक पीछे हैं। कोहली के बाद तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर हैं।
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वह नंबर 1 की कुर्सी के लिए कोहली को कड़ी टक्कर देंगे। वह पाकिस्तान के खिलाफ जारी वन डे सीरीज में कमाल कर वन डे में टॉप बल्लेबाज बनना चाहेंगे। लेकिन विराट कोहली के पास भी इंग्लैंड सीरीज के दौरान टॉप रैकिंग हासिल करने का अच्छा मौका होगा।
युवराज के पास टीम इंडिया में जगह पक्की करने का मौका
2011 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले युवराज सिंह के लिए यह सीरीज काफी अहम है। उनका इंटरनेशनल करियर इस सीरीज पर काफी निर्भर रहेगा।
बाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज युवराज सिंह की तीन साल बाद भारत की वनडे टीम में वापसी हुई है। रणजी ट्रॉफी में शानदार फॉर्म में दिखे 35 वर्षीय युवराज बढिय़ा प्रदर्शन के साथ एक बार फिर टीम इंडिया में जगह पक्की कर सकते हैं।
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युवराज के हरफनमौला प्रदर्शन की बदौलत भारत ने 2007 में टी20 और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीता था। युवराज ने अंतिम वनडे 11 दिसंबर 2013 को सेंचुरियन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला था। साल 2000 में डेब्यू करने वाले युवराज अब तक 293 वनडे में 36.37 के औसत से 8329 रन बनाने के साथ 111 विकेट उनके नाम दर्ज हैं।