भारत विश्व कप जीतने का दावेदार : अश्विन
बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ हाल की वनडे सीरीज जीतने ने भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को भारत को इस साल होने वाले वनडे विश्व कप को जीतने के लिए प्रबल दावेदार बताने के लिए प्रेरित किया है लेकिन अनुभवी
बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ हाल की वनडे सीरीज जीतने ने भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को भारत को इस साल होने वाले वनडे विश्व कप को जीतने के लिए प्रबल दावेदार बताने के लिए प्रेरित किया है लेकिन अनुभवी ऑफ स्पिनर ने साथ ही रोहित शर्मा की टीम को चेताया है कि वह अपनी तैयारी में थोड़ी हलकी रह जायेगी क्योंकि उसने हाल में अपने वनडे ज्यादा संख्या में स्थलों पर खेले हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों ने अपने अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए 4-5 ग्राउंड ही चुने हैं।
अश्विन ने कहा कि 2011 विश्व कप के बाद से सभी टीमें घरेलू विश्व कप (2015 में ऑस्ट्रेलिया और 2019 में इंग्लैंड) जीतने में सफल रही हैं और 14-4 के जीत/हार रिकॉर्ड के साथ भारत खिताब जीतने का प्रबल दावेदार है।
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अश्विन ने यू ट्यूब चैनल पर एक वीडियो में कहा, भारत का 2019 विश्व कप के बाद से रिकॉर्ड प्रभावशाली है। भारत ने इस दौरान हर उस टीम के खिलाफ जीत हासिल की है जिसने इस दौरान भारत का दौरा किया है। इन टीमों में वेस्ट इंडीज, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका शामिल हैं। भारत का 2019 विश्व कप के बाद से 14-4 का घरेलू रिकॉर्ड है जो भारत में 78 से 80 प्रतिशत जीत रिकॉर्ड है।
हालांकि अश्विन ने साथ ही कहा, ये सभी 18 वनडे हर बार अलग-अलग स्थलों पर हुए हैं। यदि आप इसकी तुलना ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड से करें तो उन्होंने अपने सभी टेस्ट मैच चार-पांच स्थलों पर खेले हैं और वनडे दो-तीन स्थलों पर खेले गए हैं और वे इन स्थलों को अच्छी तरह जानते हैं।
उन्होंने कहा, इस बात में कोई रॉकेट साइंस नहीं है। अपनी परिस्थितियों को अच्छी तरह जानना महत्वपूर्ण है।
अश्विन ने साथ ही कहा, कई स्थलों पर खेलने के बाद, जहां विकेट अलग-अलग हो सकते हैं, भारतीयों के लिए मुश्किल हो सकती है।
अश्विन ने इस दौरान मिली चार पराजयों पर भी बात की। उन्होंने कहा ये हार चेन्नई, मुम्बई, पुणे और लखनऊ में मिली हैं और सभी शाम के समय में हैं। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की लेकिन अच्छा स्कोर नहीं बना पाए।
अश्विन ने साथ ही कहा, कई स्थलों पर खेलने के बाद, जहां विकेट अलग-अलग हो सकते हैं, भारतीयों के लिए मुश्किल हो सकती है।
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