ऐसे कैसे खेलोगे 100 टेस्ट? लगातार दूसरे मैच में गोल्डन डक पर आउट हुए रहाणे
भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे अजिंक्य रहाणे रणजी ट्रॉफी में भी रन नहीं बना पा रहे हैं। रहाणे के बुरे फॉर्म का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वो लगातार दो मैचों में पहली बॉल
भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान ये इच्छा जताई थी कि वो भारत के लिए 100 टेस्ट मैच खेलना चाहते हैं लेकिन उनका हालिया फॉर्म देखकर ऐसा लगता है कि उनकी ये इच्छा उनके लिए एक सपना ही बनकर रह जाएगी क्योंकि वो इतने बुरे फॉर्म से गुजर रहे हैं कि रणजी ट्रॉफी में भी उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं।
रहाणे को इंग्लैंड के खिलाफ पहले 2 टेस्ट मैचों के लिए टीम में भी शामिल नहीं किया गया है, ऐसे में रहाणे की नजरें बाकी के 3 टेस्ट मैचों में अपनी जगह बनाने पर हैं लेकिन ऐसा लगता नहीं कि वो ऐसा करने में सफल हो पाएंगे क्योंकि रणजी ट्रॉफी 2024 में वो लगातार दो मैचों में गोल्डन डक पर आउट हो गए।
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रहाणे रणजी ट्रॉफी 2024 में मुंबई के लिए खेल रहे हैं लेकिन वो फिलहाल एक-एक रन के लिए मोहताज़ हो गए हैं। आंध्र के खिलाफ गोल्डन डक पर आउट होने के बाद रहाणे से केरल के खिलाफ एक बड़ी पारी की उम्मीद थी लेकिन वो इस मैच में भी पहली ही गेंद पर आउट हो गए। केरल के तेज़ गेंदबाज बेसिल थंपी ने उन्हें आउट करके एक बड़ा विकेट हासिल किया। लगातार दो मैचों में गोल्डन डक बनाने वाले रहाणे को सोशल मीडिया पर भी ट्रोल किया जा रहा है और फैंस का मानना है कि उनका करियर अब खत्म हो चुका है।
Ajinkya Rahane's 2 Ranji scores since this propoganda video after India's loss:
— Rajiv (@Rajiv1841) January 19, 2024
- 0(1) vs Andhra,
- 0(1) vs Kerala
Blud cannot play 1 ball in domestics and want to play 100 tests for India!! https://t.co/5qsqwDQRfv
आपको बता दें कि रहाणे ने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट वेस्टइंडीज दौरे पर खेला था। श्रेयस अय्यर के चोट लगने के चलते रहाणे को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 का फाइनल खेलने का भी मौका मिल गया था और उन्होंने भारतीय टीम के लिए उस फाइनल में सबसे ज्यादा रन भी बनाए थे लेकिन अय्यर के फिट होकर टीम में वापस आने से वो फिर से बाहर हो गए। ऐसे में जिस तरह से रहाणे का समय चल रहा है ऐसा लगता है कि उनके लिए भारतीय टीम में वापसी करना अब बहुत मुश्किल होगा क्योंकि सेलेक्टर्स भी अब युवा खिलाड़ियों पर भरोसा जताते दिख रहे हैं।