दो साल पहले भारत को ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत दिलाने के बाद अजिंक्य रहाणे देश के हीरो बन गए थे लेकिन उस सीरीज के बाद 13 टेस्ट मैच खेलने के बाद उनके नाम पर सिर्फ तीन अर्धशतक ही दर्ज हुए जिसके चलते उन्होंने भारतीय टीम से अपना स्थान खो दिया। हालांकि, टीम इंडिया से बाहर होने के बाद रहाणे एक बार फिर से सुर्खियों में लौट आए हैं। बुधवार को, उन्होंने हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान मुंबई के लिए दोहरा शतक लगा दिया, उनके इस दोहरे शतक के बाद उन्होंने एक बार फिर से चयनकर्ताओं को याद दिला दिया है कि वो अभी खत्म नहीं हुए हैं।
हैदराबाद के खिलाफ दोहरा शतक लगाने के बाद रहाणे ने एक बयान दिया है जो टॉक ऑफ द टाउन बना हुआ है। रहाणे ने अपने सनसनीखेज बयान में कहा है कि उनकी, विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा की औसत पिछले 2-3 साल में भारतीय पिचों की वजह से नीचे गिरी। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर रिएक्शंस की बाढ़ ला दी है।
रहाणे ने कहा, "मैं किसी को कुछ भी साबित नहीं करना चाहता। मुझे लगता है कि मेरी प्रतिस्पर्धा खुद से है। अगर मैं उस पर टिका रहूं तो चीजें ठीक हो जाएंगी। मैं किसी चीज के पीछे नहीं भागना चाहता, बस अपने खेल का समर्थन करना चाहता हूं। निराश होने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि चीजें मेरे नियंत्रण में नहीं हैं। मेरे लिए मेरा नजरिया सबसे ज्यादा मायने रखता है। अपने व्यवहार और अपने काम के प्रति नैतिकता के कारण, मैं अपने जीवन के इस मुकाम तक पहुंचने में कामयाब रहा हूं और अब मैं कुछ भी बदलना नहीं चाहता हूं।”