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IPL 2020: बीसीसीआई ने वीवो को इंडियन प्रीमियर लीग के मुख्य प्रायोजक से हटाया

नई दिल्ली, 6 अगस्त | इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें संस्करण को शुरू होने में अब केवल 44 दिन का ही समय बचा है और इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma August 06, 2020 • 17:34 PM
IPL 2020
IPL 2020 (BCCI)
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नई दिल्ली, 6 अगस्त | इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें संस्करण को शुरू होने में अब केवल 44 दिन का ही समय बचा है और इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो को आईपीएल के मुख्य प्रायोजक से निलंबित कर दिया है। इससे पहले, रविवार को हुई आईपीएल की कार्यकारी परिषद में वीवो को मुख्य प्रायोजक बनाए रखने का फैसला किया गया था। बीसीसीआई ने एक बयान में कहा, "बीसीसीआई और वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आईपीएल 2020 के लिए पार्टनरशिप को निलंबित करने का फैसला किया है।"

रविवार को हुई आईपीएल की कार्यकारी परिषद में वीवो को मुख्य प्रायोजक बनाए रखने के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर इसका काफी विरोध किया गया था और लीग का बहिष्कार करने की बात की जा रही थी। इसके बाद बीसीसीआई को यह अहसास हुआ कि वीवो को आईपीएल के मुख्य प्रायोजक से हटाना देश हित में होगा।

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इससे पहले, अखिल भारतीय व्यापारी संघ (सीएआईटी) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अनुरोध किया था कि वे आईपीएल के 13वें संस्करण को दुबई में आयोजित कराने की अनुमति न दें।

बीसीसीआई ने रविवार को हुई अपनी आईपीएल गवर्निग काउंसिल की बैठक में फैसला किया था कि लीग की टाइटल स्पॉन्सर वीवो ही रहेगी।

सीएआईटी ने कहा था, " हमने शाह और जयशंकर को एक पत्र भेजा है, जिसमें दुबई में आईपीएल को आयोजित करने के लिए बीसीसीआई को मंजूरी नहीं देने की मांग की गई है। यह सरकार की नीति का विरोधाभासी कदम होगा।"

पत्र में, सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे में जबकि भारतीय सीमाओं पर चीनी आक्रमण ने भारत में चीन विरोधी भावनाओं को जन्म दिया, तो बीसीसीआई का निर्णय सरकार के फैसलों के विपरीत है।

कोविड-19 महामारी के कारण ओलंपिक और विंबलडन जैसे टूर्नामेंटों को रद्द करने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई के फैसले की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। बीसीसीआई का यह कदम पैसों के प्रति उसकी लालच को दर्शाता है।
 


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