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पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने कहा, चहल को बतौर कनकशन सब्स्टीट्यूट लाना भारत का सही फैसला

आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को खेले गए पहले टी-20 मैच में रवींद्र जडेजा की जगह कनकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को खेलाना भारत का सही फैसला था और एक आलराउंडर की जगह स्पिनर को लाने से

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Rohit Sharma
Rohit Sharma (Rohit Sharma)
IANS News
By IANS News
Dec 05, 2020 • 10:25 PM

आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को खेले गए पहले टी-20 मैच में रवींद्र जडेजा की जगह कनकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को खेलाना भारत का सही फैसला था और एक आलराउंडर की जगह स्पिनर को लाने से मुझे कोई समस्या नहीं है। यह कहना है कि भारत के पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले का। कुंबले कनकशन नियमों से अच्छी तरह से होंगे, क्योंकि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति की अध्यक्षता करते हैं और इसी समिति ने आस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज फिल ह्यूज के निधन के बाद इस नियम की सिफारिश की थी। बाद में आईसीसी ने इस नियम को अपनी मंजूरी दी थी।

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By IANS News
December 05, 2020 • 10:25 PM

जडेजा को शुक्रवार को कैनबरा में आयोजित पहले टी20 मुकाबले के दौरान सिर पर चोट लगी थी। वह कनकशन में चले गए थे और उनकी जगह स्पिनर युजवेंद्र चहल ने गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट हासिल किए थे।

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चहल ने चार ओवरों में 25 रन देकर तीन विकेट लिए और मैन ऑफ द मैच चुने गए और भारत को पहला टी-20 मैच जिताने में मदद की।

उन्होंने एरॉन फिंच, स्टीव स्मिथ और मैथ्यू वेड के विकेट लिए। जडेजा को मैच की पहली पारी के आखिरी ओवर में मिशेल स्टार्क की गेंद हेलमेट पर लग गई थी। इसी कारण चहल उनके स्थान पर कनकशन खिलाड़ी के तरह आए थे।

कुंबले ने विजयी लोकपल्ली और जी. कृष्णन द्वारा लिखित किताब 'द हिटमैन : द रोहित शर्मा स्टोरी' के वर्चुअल लोकार्पण के दौरान यह बात कही।

कुंबले ने कहा, "फिल ह्यूज के दुखद निधन के बाद यह नियम पिछले कुछ वर्षों से लागू है। जब किसी के सिर पर चोट लगती है, तो उसके स्थान पर आने पर दूसरे खिलाड़ी को आना होता है। मुझे पता है कि जडेजा ने सिर पर चोट लगने से पहले अपनी हैमस्ट्रिंग खींच ली थी। जब वह चोटिल हुए तो मुझे नहीं लगता कि इसे बदलने के लिए ज्यादा कुछ करना था।"

कुंबले ने कहा कि उन्होंने कुछ रिपोर्टों में यह भी पढ़ा था कि जडेजा ने फिजियो को नहीं बुलाया।

उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि फिजियो को बुलाना जडेजा का फैसला है। यह अंपायरों पर है कि वे खेल को रोके और फिजियो को बुलाए। ऐसा शायद इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि जडेजा सिंगल के लिए दौड़े और उन्होंने खेलना जारी रखा। वह ठीक था। कनकशन के लिए यह जरूरी नहीं कि मैदान पर उनका होना जरूरी है। आप ड्रेसिंग रूम में वापस आ सकते हैं और फिर आपको सिरदर्द या चक्कर आ सकता है। तभी डॉक्टर अंदर जाएंगे और रुकेंगे। इस मामले में शायद यही हुआ है।"

कुंबले ने साथ ही कहा कि वह इस बात को नहीं मानते कि जडेजा एक ऑलराउंडर है और उनकी जगह एक ऑलराउंडर को ही मैदान पर आना चाहिए था।

पूर्व लेग स्पिनर ने कहा, "जडेजा बल्लेबाजी में अपना योगदान दे चुके थे और वह एक स्पिनर है, इसलिए एक स्पिनर (चहल) को जैसे-तैसे रिप्लेसमेंट के रूप में लाया गया। अगर भूमिका की बात है तो जब भारत गेंदबाजी कर रहा था और अगर जडेजा को बल्लेबाजी करनी थी और वह बल्लेबाजी नहीं कर सकता था, तो मुझे यकीन है कि चहल को नहीं लाया जाता। आपने जडेजा की जगह एक बल्लेबाज को देखा होगा। मुझे यकीन है कि चहल को अंतिम 15 में रखा गया था। इसलिए कनकशन रिप्लेसमेंट को लेकर मुझे कोई समस्या नहीं है।"

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