श्रीलंका के लोगों के लिए क्रिकेट बन गया 'मानसिक-उपचार', दुख-दर्द में बना सहारा
एक श्रीलंकाई ने कहा लोग गरीब और असहाय हो गए हैं और एक नीरस जीवन जी रहे हैं। बच्चों के लिए कोई खुशी नहीं है लेकिन क्रिकेट 'मानसिक उपचार' का काम कर रहा है।
श्रीलंका आर्थिक संकट से गुजर रहा है। रसोई गैस से लेकर ईंधन खरीदने के लिए श्रीलंका में लंबी कतारें लगती हैं और परिवहन सुविधाओं की कमी के कारण स्कूल भी प्रभावित हुए हैं। लेकिन, इस बीच क्रिकेट का खेल श्रीलंकाई लोगों के लिए एक ताज़ा अनुभव या यूं कह लें कि दर्द की दवा साबित हुआ है। श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकटों में से एक का सामना कर रहा है लोगों को भोजन, दवा और ईंधन की आपूर्ति के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन, क्रिकेट लोगों की नशों में उत्साह का संचार किए हुए है।
क्रिकेट फैन उजीत नीलांथा जिन्होंने इस हालात में अपने बेटे के साथ गाले में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच देखा था उन्होंने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि लोग गरीब और असहाय हो गए हैं और एक नीरस जीवन जी रहे हैं। बच्चों के लिए कोई खुशी नहीं है लेकिन इन सबके बीच क्रिकेट 'मानसिक उपचार' का काम कर रहा है।
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अलजज़ीरा से बातचीत के दौरान उजीत नीलांथा ने कहा, 'देश में समस्या है। लोग गरीब और लाचार हो गए हैं। हम एक नीरस जीवन जी रहे हैं और कभी-कभी ईंधन के लिए लाइनों में पांच,छह और सात दिन बिताने पड़ते हैं। बच्चों के लिए कोई खुशी नहीं है। और हम वो नहीं दे सकते जो बच्चों को चाहिए। जब हम इसे (क्रिकेट) देखते हैं तो यह मानसिक रूप से स्वस्थ करने का काम करता है।'
उजीत नीलांथा ने आगे कहा, 'हम क्रिकेट से प्यार करते हैं लेकिन हम अपना सारा समय क्रिकेट देखने में नहीं बिता सकते हैं, रोजगार की समस्याओं और उस सब के साथ हमें जीना पड़ रहा है लेकिन मुझे क्रिकेट देखकर दबाव से कुछ राहत मिलने की उम्मीद रहती है।'
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नीलांथा ने कहा, 'दुख की घड़ी में ही हमारे पास क्रिकेट ही होता है। हम यहां क्रिकेट देखने आते हैं अपने दिमाग से चिंताओं को निकालने के लिए।' बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने गाले के मैदान पर खेले गए टेस्ट मैच में श्रीलंका टीम को 10 विकेट से शिकस्त दी थी। बावजूद इसके श्रीलंकाई फैंस ने ऑस्ट्रेलियाई टीम का अभिवादन किया था।