टीम इंडिया का मौजूदा तेज गेंदबाजी अटैक क्यों है दुनिया में सबसे बेस्ट,भुवनेश्वर कुमार ने बताई वजह
नई दिल्ली, 26 जून | भारत के मौजूदा तेज गेंदबाजी अटैक को इस समय दुनिया के बेस्ट गेंदबाजी अटैक में गिना जाता है और इस अटैक का अहम हिस्सा भुवनेश्वर कुमार ने इसके पीछे वजह आपसी समझ को बताई है।
नई दिल्ली, 26 जून | भारत के मौजूदा तेज गेंदबाजी अटैक को इस समय दुनिया के बेस्ट गेंदबाजी अटैक में गिना जाता है और इस अटैक का अहम हिस्सा भुवनेश्वर कुमार ने इसके पीछे वजह आपसी समझ को बताई है। कुमार ने कहा कि गेंदबाजों को आपस में ज्यादा बातचीत करने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि सभी एक दूसरे को समझते हैं।
कुमार ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के हिंदी शो क्रिकेटबाजी के दूसरे एपिसोड में कहा, "दूसरे छोर से कौन गेंदबाजी कर रहा है इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मुझे जो करना है वो करता हूं, लेकिन मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह सीनियर खिलाड़ी हैं, तो हम कम शब्दों में इस बात पर चर्चा करते हैं कि बल्लेबाज क्या करने की कोशिश कर रहा है। हमें एक दूसरे को ज्यादा कुछ बताने की जरूरत नहीं होती। हम एकमत से अच्छी गेंदबाजी करने का फैसला करते हैं और दोनों छोर से दबाव बनाए रखते हैं।"
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आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो वनडे में भुवनेश्वर के दूसरी पारी में रिकार्ड अच्छा है। कुमार ने कहा कि यह अपने आप है जानबूझकर किया हुआ नहीं।
उन्होंने कहा, "दूसरी पारी में आपकी कोशिश रक्षात्मक गेंदबाजी करने की होती है। ऐसा नहीं है कि आप गेंदबाजी नहीं करना चाहते, लेकिन मानसिकता डिफेंसिव होती है। आपकी लैंग्थ वही रहती है, आपका रनअप वही रहता है, लेकिन कहीं न कहीं मुझे लगता है कि यह फील्ड पोजीशन की बात है। मुझे लगता है कि रक्षात्मक खेलना और अटैक करना फील्डिंग की सजावट पर काफी निर्भर करता है। अगर आप अटैक करना चाहते तो स्लिप लगाते हो, अगर नहीं तो स्वीपर कवर रखते हो। इसलिए मानसकिता का असर होता है।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह अवचेतना में होता है। जैसे कि बल्लेबाज करते हैं, रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए कि कितनी गेंदें बची हैं और कितने विकेट हैं। कहीं न कहीं गेंदबाजी भी इस बात को जानता है, कि जब सामने वाली टीम 350 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही है तो बल्लेबाज मौके बनाएगा। इसलिए आप ज्यादा से ज्यादा विविधता लाने की कोशिश करते हो और पहली गेंद से आपके दिमाग में स्थिति साफ रहती है कि आपको लक्ष्य बचाना है। कई बार होता है कि आप 200 के स्कोर पर ही आउट हो जाते हो और ऐसे में एक गेंदबाज के चलते आप जानते हो कि आपको विकेट लेने हैं। कप्तान और टीम प्रबंधन भी इस बात को जानता है कि रणनीति यह है और अगर इस प्रक्रिया में कुछ रन चले गए तो ठीक है।"