गुजरात के स्कूल बॉय ने मचाया धमाल, 498 रनों की पारी खेलकर बनाया रिकॉर्ड
गुजरात के गांधीनगर से आने वाले एक 18 वर्षीय स्कूल बॉय ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। इस बच्चे ने 498 रनों की पारी खेलकर रिकॉर्डबुक में अपना नाम दर्ज करवाया।
क्रिकेट के मैदान पर अक्सर कई रिकॉर्ड्स बनते रहते हैं लेकिन जब ये रिकॉर्ड कोई स्कूल बॉय बना दे तो हैरान होना तो बनता है। जी हां, सेंट जेवियर्स लोयोला हॉल स्कूल के 18 वर्षीय छात्र द्रोण देसाई ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। हाल ही में द्रोण ने गांधीनगर के कराई में शिवाय क्रिकेटिंग हब में अपनी टीम के 844 रनों में से 498 रन बनाए और गुजरात में अंतर-विद्यालय क्रिकेट में अपने नाम सर्वोच्च स्कोर दर्ज करने की सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया।
द्रोण ने इस मैच में गेंदबाजों की जमकर कुटाई करते हुए 320 गेंदों पर 498 रन बनाए। उनकी पारी के दौरान 86 चौके और सात छक्के भी देखने को मिले। इसके बाद उनकी टीम ने जेएल इंग्लिश स्कूल को 40 और 92 रनों पर ढेर कर दिया और दीवान बल्लूभाई कप (अंडर-19 आयु वर्ग) में एक पारी और 712 रनों से विशाल जीत दर्ज की।
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उन्होंने जो 498 रन बनाए, वो भारत भर में संयुक्त रूप से तीसरा सबसे बड़ा स्कोर है, जिसमें सर्वोच्च स्कोर प्रणव धनावड़े का नाबाद 1,009* है, जो उन्होंने 2016 में भंडारी कप अंतर-विद्यालय क्रिकेट टूर्नामेंट में बनाया था, उसके बाद भारतीय क्रिकेटर पृथ्वी शॉ का नंबर आता है, जिन्होंने 2013 में हैरिस शील्ड में 546 रन बनाए थे।
हालांकि, देसाई के पास 500 रनों तक पहुंचने का भी मौका था लेकिन उनके किसी भी साथी ने उन्हें नहीं बताया था कि वो 498 रन पर बल्लेबाजी कर रहे हैं।इसी के चलते वो 498 रनों पर आउट हो गए और 500 रनों से चूकने पर उन्होंने मलाल भी जताया। उन्होंने इस पारी के लिए अपने कोच को श्रेय दिया, जिनसे वो बहुत छोटी उम्र से ही प्रशिक्षण ले रहे थे।
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देसाई ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "मैं निराश हूं कि मैं दो रन से 500 रन से चूक गया। कुल मिलाकर, मैं बहुत खुश हूं। मैं ये पारी जय प्रकाश पटेल सर को समर्पित करता हूं, जिनके मार्गदर्शन में मैं सात साल की उम्र से प्रशिक्षण ले रहा हूं। जेपी सर ने मुझे अपने विकेट की कीमत लगाना सिखाया। अपनी पारी में मैंने 86 चौके और केवल सात छक्के लगाए। अधिकांश चौके ग्राउंड शॉट थे। उन्होंने मुझे 14 साल की उम्र तक केवल ग्राउंड शॉट लगाने के लिए कहा था। मैंने उसके बाद ही हवाई शॉट का अभ्यास करना शुरू किया।"