भारतीय टीम बुधवार से नॉटिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में जब खेलने उतरेगी तो यहां सामान्य से अधिक हरी पिच उसे फायदा पहुंचा सकती है। 2011 में पूरी तरह सफाया होने के बाद टीम का टेस्ट में बल्लेबाजी आक्रमण विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा के आसपास ही घुमता रहा। उन्हें हालांकि 2014 में 1-3 और तीन साल पहले 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था।
रहाणे का शॉट चयन और पुजारा का लंबे समय तक स्टोकलेस रहना हालांकि चिंता का विषय है। इस बार टीम के पास रोहित शर्मा हैं लेकिन शुभमन गिल और मयंक अग्रवाल चोट के कारण अनुपलब्ध रहेंगे और इनका ना होना इस बात पर संशय खड़ा करता है कि रोहित के साथ पारी की शुरूआत करने कौन उतरेगा।
लोकेश राहुल का ओपनर के तौर पर रिकॉर्ड बेहतर रहा है लेकिन अगर वह विकेटकीपिंग का जिम्मा संभालते हैं तो उन पर अतिरिक्त दबाव देना सही नहीं रहेगा। हनुमा विहारी भी एक विकल्प हो सकते हैं जो तकनीकी रूप से सही है लेकिन वह आमतौर पर एक ओपनर नहीं है।