पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने हाल ही में मेंटल हेल्थ पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि 2011 में जब वो मेंटल हेल्थ से गुजर रहे थे की उन्हें खुद पर शर्म आ रही थी और उन्हें नहीं पता था कि आगे क्या करना है। हाल ही में, पूर्व क्रिकेटर डेविड जॉनसन और ग्राहम थोर्प का वर्षों तक डिप्रेशन से पीड़ित रहने के बाद दुखद निधन हो गया।
उथप्पा ने कहा कि, "हम डिप्रेशन और आत्महत्या के बारे में बात करने जा रहे हैं। हमने हाल ही में भारत के ग्राहम थोर्प और डेविड जॉनसन के बारे में सुना। वीबी चंद्र शेखर सर जो सीएसके की चट्टान थे। मैं भी वहां गया हूं। यह कोई सुंदर जर्नी नहीं है। यह कमजोर करने वाला है। आपको ऐसा लगता है जैसे आप उन लोगों के लिए बोझ हैं जिन्हें आप प्यार करते हैं। यह चुनौतीपूर्ण है। आपको ऐसा महसूस होता है कि आप कम मूल्यवान हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि, "2011 में, मैं एक इंसान के रूप में अपने अस्तित्व को लेकर बहुत शर्मिंदा था। यह बिल्कुल ठीक है कि आपको नहीं पता कि आपको आगे क्या करना है। कभी-कभी उस एक दिन के लिए मौजूद रहना ही आपको आगे करना होता है। अक्सर आपको टनल के अंत में लाइट की आवश्यकता नहीं होती है। आपको केवल अगले फेज तक लाइट की आवश्यकता है। हमने ऐसे कई लोगों के बारे में सुना है जिन्होंने डिप्रेशन के कारण अपना जीवन समाप्त कर लिया। मैं व्यक्तिगत रूप से भी उनका रहा हूं। यह भारी है, ऐसा ही महसूस होता है। जब मैं क्लिनिकल डिप्रेशन से गुजर रहा था तो मुझे अक्सर यह महसूस होता था कि मैं बोझ हूं। मैं जवाब तलाश रहा था।"