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एथिक्स ऑफिसर के नोटिस से दुखी रंगास्वामी ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली, 29 सितम्बर | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एथिक्स ऑफिसर डी.के जैन द्वारा हितों के टकराव मुद्दे पर कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को भेजे गए नोटिस...

Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat September 29, 2019 • 16:03 PM
एथिक्स ऑफिसर के नोटिस से दुखी रंगास्वामी ने दिया इस्तीफा Images
एथिक्स ऑफिसर के नोटिस से दुखी रंगास्वामी ने दिया इस्तीफा Images (Twitter)
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नई दिल्ली, 29 सितम्बर | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एथिक्स ऑफिसर डी.के जैन द्वारा हितों के टकराव मुद्दे पर कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को भेजे गए नोटिस के बाद सीएसी की सदस्य रंगास्वामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने सीएसी पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था।

आईएएनएस से बात करते हुए पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी रंगास्वामी ने कहा कि लोगों का शिकायत करना ठीक है, लेकिन अगर एथिक्स ऑफिसर हर शिकायत को उठाता है तो यह एक मुश्किल परि²श्य बनाता है और इसके कारण पूर्व क्रिकेटरों को प्रशासन में लाना मुश्किल होगा।

रंगास्वामी ने कहा, "मैंने सीएसी और साथी ही खिलाड़ियों के संघ के निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया है। कल रात मैंने संबंधित अधिकारियों को अपना इस्तीफा मेल किया। अब मैं शिकायत करने वाले व्यक्तियों को समझ सकती हूं, लेकिन अगर एथिक्स ऑफिसर उस पर कदम उठाते हैं तो अपने पद पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है।"

उन्होंने कहा, "मैं समझती हूं कि नई बीसीसीआई समिति पर हितों के टकराव के अनुच्छेद पर स्पष्टता प्रदान करने का दबाव होगा। उन्हें यह भी स्पष्ट करना होगा कि वह कहां से महत्वपूर्ण समितियों में योग्य क्रिकेटरों को शामिल करना चाहते हैं।"

रंगास्वामी ने यह भी कहा कि उन्हें आश्चर्य हुआ कि राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ी का नाम भी हितों के टकराव के मुद्दे में शामिल किया गया।

उन्होंने कहा, "देखिए उन्होंने सबसे पहले सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर एवं वीवीएस लक्ष्मण को इस मामले में खींचा और अब कपिल, अंशु और मुझे। भारत के भावी क्रिकेटरों को प्रशिक्षित कर रहे राहुल द्रविड़ पर भी निशाना साधने की कोशिश की गई। यदि यह स्थिति रही तो अधिकांश पूर्व क्रिकेटर बीसीसीआई के साथ जुड़े रहना पसंद नहीं करेंगे। कयासों को जगह क्यों दी जाए इसलिए मैने सोचा सबसे अच्छा रहेगा कि खेल के हित में इस्तीफा दे दिया जाए।"

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