ICC का 'टैक्स लेटर' कार्यप्रणाली पर उठा रहा है गंभीर सवाल : बीसीसीआई अधिकारी
नई दिल्ली, 24 मई| बीसीसीआई और आईसीसी के बीच भारत में होने वाले आईसीसी टूर्नामेंट में टैक्स में छूट हमेशा से मुद्दा रहा है। और, अब चीजों ने एक अलग खराब रुख ले लिया है क्योंकि आईसीसी ने भारतीय बोर्ड
नई दिल्ली, 24 मई| बीसीसीआई और आईसीसी के बीच भारत में होने वाले आईसीसी टूर्नामेंट में टैक्स में छूट हमेशा से मुद्दा रहा है। और, अब चीजों ने एक अलग खराब रुख ले लिया है क्योंकि आईसीसी ने भारतीय बोर्ड से इस बात के सबूत मांगे हैं कि उसने इस मुद्द पर सरकार के साथ काम करने की कोशिश की थी।
इस मामले से संबंध रखने वाले बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि इस समय जब पूरा विश्व कोरोनावायरस महामारी से लड़ रहा है, तब इस तरह के ईमेल भेज कर भारतीय बोर्ड पर दबाव बनाना बेहद दुखद है।
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अधिकारी ने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस समय जब सभी कुछ कोरोनावायरस की गिरफ्त में आ रहा है, तब ऐसी चीजें कैसे हो सकती हैं। यह आईसीसी के नेतृत्व की विफलता है और साफ संकेत है कि बदलाव निकट है। यह समय है जब शशांक मनोहर को जाना चाहिए और बीसीसीआई को ऐसे किसी भी शख्स का साथ नहीं देना चाहिे जिसको उनका (मनोहर का) समर्थन प्राप्त हो।"
बीसीसीआई को भारत में 2021 में होने वाले टी-20 विश्व कप को लेकर 18 महीने पहले टैक्स में छूट को लेकर अपनी बात रखनी थी, इसका मतलब है कि अंतिम तारीख अप्रैल की थी। लेकिन कोरोनावायरस के कारण पूरा विश्व इस समय लॉकडाउन में है और इसी कारण भारतीय बोर्ड ने 30 जून तक का समय मांगा था।
आईसीसी के मुताबिक, आईसीसी बिजनेस कॉरपोरेशन (आईबीसी) तारीख को आगे बढ़ाने को लेकर राजी नही हुआ। आईबीसी में आईसीसी के सदस्य देशों के निदेशक होते हैं और रिपोर्ट के मुताबिक कुछ लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं है। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा है कि अगर यह स्थिति है तो चैयरमेन शशांक मनोहर को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
अधिकारी ने कहा, "अगर यह सच है कि कुछ निदेशकों को इस बारे में जानकारी नहीं है तो यह काफी गंभीर मुद्दा है और यह आईसीसी/आईबीसी के बोर्ड स्तर पर अपराध है जिसकी जिम्मेदारी चेयरमैन को लेनी चाहिए।"
एक और अधिकारी ने कहा कि यह पूरा वाकया हैरानी वाला है खासकर आईसीसी का यह कहना कि आईबीसी तारीख बढ़ाने को लेकर राजी नहीं है।
उन्होंने कहा, "दिलचस्प बात यह है कि उनके वकील जोनाथन हॉल ने लिखा है कि आईबीसी ने बीसीसीआई की अपील को खारिज कर दिया है। अब सवाल यह है कि बोर्ड के बिना देखे और इसके लिए वोटिंग हुए बिना यह हुआ कैसे?"
उन्होंने कहा, "अगर सौरव गांगुली बैठक में इसका माकूल जवाब नहीं देते है और जो राजनीति धोखा दिया जा रहा है उसके खिलाफ नहीं बोलते हैं तो हैरानी होगी। वह इस पर किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं, वो बताएगा कि वह किस तरह के बीसीसीआई अध्यक्ष हैं।"
--आईएएनएस