साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज़ के पहले मैच में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। टीम इंडिया को टेस्ट मैच जीतने के लिए 124 रनों का लक्ष्य मिला था लेकिन पूरी टीम सिर्फ 93 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। टीम इंडिया की अपने ही घर पर स्पिन ना खेल पाने की खामी खुलकर सामने आ गई और पूर्व खिलाड़ियों ने मौजूदा बल्लेबाजों की स्पिन खेलने की क्षमता पर जमकर सवाल उठाए।
इस बीच, पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि पिछली पीढ़ी के बल्लेबाजों की तकनीक मौजूदा पीढ़ी के बल्लेबाजों से बेहतर थी। स्पिनर ने कहा कि उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में जीतने के लिए टीमों को स्पिन का अधिक प्रभावी ढंग से सामना करना होगा। उन्होंने टीम मैनेजमेंट को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर आप स्पिन नहीं खेल सकते तो आपको रैंक टर्नर मांगने का कोई हक नहीं है।
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में कहा, "मैं अपनी गर्दन आगे करके एक और मैच में उस दौर में कहूंगा जब स्पिन गेंदबाज़ी का बहुत अच्छा सामना किया जाता था। मैं अमोल मजूमदार और मिथुन मन्हास, जो बीसीसीआई अध्यक्ष हैं, का नाम लूंगा और मैं सभी नाम नहीं लूंगा, बल्कि अपने चरम पर, क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम लूंगा। अगर ये खिलाड़ी स्पिन के खिलाफ उसी विकेट पर खेलते, तो ये मैच चार दिन तक चलता।"