Happy Birthday Rahul Dravid: 52 साल के हुए द्रविड़, जानिए क्यों कहते हैं राहुल को 'द वॉल'?
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ आज यानि 11 जनवरी,2025 को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए उनके बारे में आपको कुछ दिलचस्प किस्से बताते हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ शनिवार 11 जनवरी को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपनी शानदार बल्लेबाजी और और शांत स्वभाव के लिए जाने जाने वाले द्रविड़ ने अपने खेल के दिनों में सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारतीय टीम की बल्लेबाजी लाइनअप को संभालने का काम किया। उनकी इसी क्षमता के लिए उन्हें "द वॉल" के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वो विपक्षी टीम के गेंदबाजों और भारतीय टीम की बल्लेबाजी के बीच में दीवार का काम करते थे।
11 जनवरी, 1973 को भारत के इंदौर में जन्मे द्रविड़ की क्रिकेट यात्रा छोटी उम्र में ही शुरू हो गई थी, जिसमें उनके पिता शरद द्रविड़ का महत्वपूर्ण प्रभाव था। द्रविड़ ने 1991 में कर्नाटक के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और जल्द ही खुद को एक विश्वसनीय और लगातार बल्लेबाज के रूप में स्थापित कर लिया। अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनकी सफलता 1996 में मिली जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे अंतरराष्ट्रीय और टेस्ट क्रिकेट दोनों में भारत के लिए पदार्पण किया।
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टेस्ट क्रिकेट में द्रविड़ का करियर शानदार रहा, जिसमें उनका अपार धैर्य और लंबे समय तक क्रीज पर टिके रहने की क्षमता भी देखने को मिली। अपने 16 साल के टेस्ट करियर में, उन्होंने 31,258 गेंदों का सामना किया और ये एक बेजोड़ रिकॉर्ड है। अपने करियर के दौरान उन्होंने 210 कैच लिए, जो टेस्ट क्रिकेट में एक गैर-विकेटकीपर द्वारा लिए गए सबसे अधिक कैच का रिकॉर्ड भी है। इन सबके अलावा द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में क्रीज पर कुल 44,152 मिनट बिताए, जो अपने आप में एक बड़ा कीर्तिमान है और बताता है कि वो गेंदबाजों को कितना थकाने का काम करते थे।
One Of The Greatest ever to hold a cricket bat.
— CRICKETNMORE (@cricketnmore) January 11, 2025
Happy Birthday to the Legendary, Rahul Dravid #CricketTwitter #RahulDravid pic.twitter.com/xioD59kGdt
अगर द्रविड़ के करियर की सबसे प्रतिष्ठित पारियों की बात करें तो उनमें से एक में, द्रविड़ ने 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने 270 रन के दौरान अविश्वसनीय 740 मिनट तक बल्लेबाजी की, जो किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा खेली गई सबसे लंबी पारी थी। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा शतकीय साझेदारी का रिकॉर्ड भी उनके नाम है, 88 शतकों के साथ, जो साझेदारी बनाने और अपने साथियों का समर्थन करने की उनकी क्षमता को दर्शाता है।
वन-डे इंटरनेशनल में भी द्रविड़ कम भरोसेमंद नहीं थे। उन्होंने 344 वनडे में 10,889 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 83 अर्द्धशतक शामिल हैं और वो भारत के सबसे लगातार मध्य-क्रम के बल्लेबाज़ों में से एक बन गए। 1999 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ सचिन तेंदुलकर के साथ उनकी वर्ल्ड रिकॉर्ड 331 रनों की साझेदारी वनडे क्रिकेट के सबसे बेहतरीन पलों में से एक है।
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इसके अलावा द्रविड़ की अनुकूलनशीलता इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी देखने को मिली, जहां उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और राजस्थान रॉयल्स के लिए खेला। हालांकि, उनका आईपीएल करियर उनके अंतरराष्ट्रीय करियर जितना शानदार नहीं था, लेकिन उन्होंने जिन टीमों के लिए खेला, उनके लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया और टी-20 प्रारूप में भी दिखाया कि वो क्या करने का माद्दा रखते हैं। रिटायरमेंट के बाद, द्रविड़ ने भारत ए और अंडर-19 टीमों के कोच के रूप में काम किया और ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों को बनाने का काम किया। उसके बाद द्रविड़ को सीनियर भारतीय टीम का हेड कोच बनाया गया जहां उनकी अगुवाई में भारतीय टीम 2023 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची और 2024 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने में भी सफल रही।