नाटिघंम/नई दिल्ली, 08 जुलाई (हि.स.) । इंग्लैंड के खिलाफ आज से शुरू हो रहे पांच टेस्ट मैंचों की श्रृंखला के पहले मैच में भारतीय टीम पिछली नाकामियों को भुलाकर विदेश में अपने खराब रिकॉर्ड को सुधारना चाहेगी। यह मैच नॉटिंघम में खेला जाएगा। युवा भारतीय टीम के लिये यह सुनहरा मौका है जिसे 42 दिन तक चलने वाली श्रृंखला में लगातार पांच टेस्ट खेलने है। अगले चार टेस्ट लॉर्ड्स, साउथम्पटन, मैनचेस्टर और ओवल पर खेले जायेंगे।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने विदेशी सरजमीं पर आखिरी टेस्ट वेस्टइंडीज के खिलाफ किंगस्टन में जून 2011 में जीता था। उसके बाद से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में उसने आठ टेस्ट गंवाये। भारत को इस सत्र में दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड में भी जीत मयस्सर नहीं हुई जहां उसने दो मैच गंवाये और दो ड्रा खेले। इंग्लैंड के खिलाफ पिछला टेस्ट रिकार्ड भी भारत की चिंता का सबब है।
इंग्लैंड में 4–0 से श्रृंखला हारने के अलावा उसे 2012–13 के घरेलू सत्र में भी 1–2 से पराजय झेलनी पड़ी थी। भारत में इंग्लैंड ने 1984–85 के बाद यह पहली श्रृंखला जीती थी। उसके बाद से हालांकि इंग्लैंड टीम में भी काफी बदलाव आये हैं। उन श्रृंखलाओं में चमकने वाले एलेस्टेयर कुक, स्टुअर्ट ब्राड और जेम्स एंडरसन खराब फार्म से जूझ रहे हैं जबकि केविन पीटरसन, ग्रीम स्वान और जोनाथन ट्राट अब टीम में नहीं हैं।