Advertisement
Advertisement
Advertisement

'कोहली के वीडियो देखकर बदला मेरे बेटे का रवैय्या', मां ने खुद किया बेटे की हरकतों का खुलासा

Virat Kohli videos changed sai sudarshan behaviour says his mother : गुजरात टाइटंस के बल्लेबाज़ साईं सुदर्शन अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं लेकिन इसी बीच उनकी मां ने उनको लेकर एक खुलासा किया है।

Advertisement
Cricket Image for 'कोहली के वीडियो देखकर बदला मेरे बेटे का रवैय्या', मां ने खुद किया बेटे की हरकतों
Cricket Image for 'कोहली के वीडियो देखकर बदला मेरे बेटे का रवैय्या', मां ने खुद किया बेटे की हरकतों (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
May 17, 2022 • 12:03 AM

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर के स्टार बल्लेबाज़ विराट कोहली इस समय खराब बल्लेबाजी फॉर्म से जूझ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद वो दुनियाभर के युवा खिलाड़ियों के लिए एक स्टार आइकन बने हुए हैं। इस आईपीएल सीज़न में भी विराट कोहली युवा खिलाड़ियों से काफी बातचीत करते हुए देखे गए हैं और कोहली से प्रेरित होने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में साईं सुदर्शन का नाम भी शामिल है।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
May 17, 2022 • 12:03 AM

 इस सीज़न में सुदर्शन गुजरात टाइटंस के लिए खेल रहे हैं और वो बल्ले से भी फैंस का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल रहे हैं। इस युवा बल्लेबाज ने इस सीजन में अब तक पांच मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 145 रन बनाए हैं। इस दौरान पंजाब किंग्स के खिलाफ उन्होंने नाबाद 65 रनों की पारी भी खेली थी। साईं बेशक इस आईपीएल में धमाल मचा रहे हों लेकिन शुरू से वो अपनी फिटनेस को लेकर इतने सीरियस नहीं थे और इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि खुद साईं की मां ने किया है।

Trending

साई की मां खुद एक स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच हैं और उनका कहना है कि उनके बेटे की फिटनेस में कोहली की भूमिका काफी अहम रही है। ऊषा ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत के दौरान बताया, "बहुत से छोटे बच्चों की ये मानसिकता होती है, 'मैं सिर्फ बल्लेबाजी के लिए अपनी बारी लेना चाहता हूं'। साईं अपने शुरुआती वर्षों में भी ऐसे ही थे और फिर उन्होंने खुद को बदल लिया। उन्होंने विराट कोहली के कई वीडियो देखे और कोहली के वीडियो देखकर मेरे बेटे का रवैय्या बदल गया।”

Also Read: आईपीएल 2022 - स्कोरकार्ड

आगे बोलते हुए ऊषा ने कहा, “उसके बाद से, उन्होंने मेरे साथ गंभीरता से प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया। महामारी के दौरान, उन्होंने अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत की, और इन दो वर्षों के दौरान, वो मेरा काफी कान चबाते थे, पूछते थे, 'हम इस तरह से प्रशिक्षण क्यों लेते हैं? हम उस तरह से प्रशिक्षण क्यों नहीं लेते? इससे क्या फायदा होता है?’ वो बहुत सारे सवाल पूछते थे।”

Advertisement

Advertisement