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धोनी के संन्यास पर आया मिस्बाह उल हक का रिएक्शन, कहा वह काफी चालाक कप्तान रहे और..

16 अगस्त, नई दिल्ली। पाकिस्तान के हेड कोच मिस्बाह उल हक ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद कहा कि धोनी ने भारतीय क्रिकेट के चेहरे को बदला है और एक नई दिशा दी है।

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Misbah Ul Haq and MS Dhoni
Misbah Ul Haq and MS Dhoni (Twitter)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Aug 16, 2020 • 02:47 PM

16 अगस्त, नई दिल्ली। पाकिस्तान के हेड कोच मिस्बाह उल हक ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद कहा कि धोनी ने भारतीय क्रिकेट के चेहरे को बदला है और एक नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि धोनी ने एक खिलाड़ी तथा एक कप्तान के तौर पर भारतीय टीम को बेहतरीन सेवाएं दी है। धोनी भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बेजोड़ कप्तान रहे है और उनकी कप्तानी में भारत ने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफियां जीती है।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
August 16, 2020 • 02:47 PM

मिस्बाह उल हक ने कहा कि धोनी के पास भारतीय टीम को दुनिया की बेहतरीन फील्डिंग करने वाली टीमों में से एक बनाने का मिशन था और उन्होंने इसे बखूबी अंजाम दिया। इसके लिए धोनी को कई हैरतअंगेज फैसले लेने पड़े जिसमें भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सौरव गांगुली तथा राहुल द्रविड़ को लिमिटिड ओवर क्रिकेट से बाहर रखने का फैसला भी शामिल था।

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मिस्बाह ने कहा कि धोनी के सारे फैसले सही थे जिसका नतीजा ये रहा कि भारत ने 2011 वर्ल्ड कप को अपने नाम किया जिसमें धोनी ने नाबाद 91 रनों की पारी खेली थी। धोनी बहुत चालाक कप्तान रहे है और उन्होंने भारतीय टीम को बेहतरीन ढंग से चलाया। जिस तरीके से धोनी ने सीनियर खिलाड़ियों से लेकर जूनियर खिलाड़ियों की एक युवा टीम खड़ी की वो काबिलेतारीफ रही है। उन्होंने भारत में क्रिकेट खेलने के तरीके को बदला और भारतीय टीम को एक नई दिशा प्रदान की।

मिस्बाह ने साथ में इस बात का भी जिक्र किया कि सौरव गांगुली द्वारा रखे गए नींव को धोनी और भी ऊंचा लेकर गए।

धोनी ने 15 अगस्त की शाम को अपने इंस्टाग्राम के माध्यम से क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 16 साल के अपने करियर में धोनी ने कई कीर्तिमान स्थापित किये जो भारतीय क्रिकेट इतिहास और दुनियां भर के क्रिकेट फैंस के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा।

बता दें कि जब धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में हुआ पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीता था, तब फाइनल में मिस्बाह की कप्तानी वाली पाकिस्तान टीम को ही मात दी थी। उस एतेहासिक फाइनल में आउट होने वाले आखिरी खिलाड़ी मिस्बाह ही थे।  
 

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