WATCH: 'वाइड बॉल पर स्टंप नहीं होता है, तुमको कुछ नहीं पता है: धोनी ने बताया वाइफ साक्षी के साथ मैच देखने का किस्सा
भारतीय क्रिकेट टीम और चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हाल ही में एक इवेंट के दौरान एक किस्सा शेयर किया जिसमें वो और उनकी पत्नी एक साथ मैच देख रहे थे।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हाल ही में एक इवेंट में पहुंचे थे जहां उन्होंने कई मज़ेदार सवालों के जवाब दिए और कई किस्सों के बारे में भी खुलासा किया। इस दौरान धोनी ने अपनी पत्नी साक्षी के साथ मैच देखने की एक मजेदार घटना का जिक्र भी किया। इस घटना में धोनी ने अपनी पत्नी साक्षी को क्रिकेट के खेल के नियम समझाने की कोशिश की, लेकिन धोनी ने मजाकिया अंदाज में बताया कि साक्षी ने उन्हें कह दिया कि उन्हें कुछ नहीं पता है।
एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए, धोनी ने कहा, "घर में बैठे हम एक क्रिकेट मैच देख रहे थे। तो एक वनडे मैच चल रहा था, साक्षी भी साथ में थी। आमतौर पर मैं और साक्षी क्रिकेट के बारे में बात नहीं करते। गेंदबाज ने गेंद डाली। ये वाइड थी, बल्लेबाज ने स्टेप आउट किया, तो वो वाइड बॉल पर स्टंप हो गया। अंपायर आमतौर पर रिव्यू लेते हैं कि तीसरा अंपायर फैसला करेगा। मेरी पत्नी ने कहा, 'आउट नहीं है।' जब तक उसने बोला आउट नहीं है, बल्लेबाज ने चलना शुरू कर दिया था। लेकिन वो कहती रही कि आप बस देखना वो उसे वापस बुला लेंगे। वाइड बॉल पर स्टंप हो ही नहीं सकता।”
Trending
आगे बताते हुए धोनी ने कहा, "तो, मैंने कहा वाइड में स्टंपिंग होती है, नो बॉल में नहीं होती। वो कह रही थी 'तुमको कुछ नहीं पता है'। तुम बस इंतज़ार करो थर्ड अंपायर उसे वापस बुला लेगा। जब तक ये बात हो रही है वो बेचारा बल्लेबाज पहले ही बाउंड्री लाइन तक पहुंच गया। वो कहती है 'नहीं नहीं, उन्हें उसे वापस बुलाना होगा। अंत में जब वो आउट हुआ और अगला बल्लेबाज आ गया, तो साक्षी बोली कि 'कुछ गड़बड़ है।'
— Telugu Dhoni fans (@dhonsim140024) October 27, 2024
Also Read: Funding To Save Test Cricket
इस बीच, धोनी ने आईपीएल 2025 में अपनी भागीदारी के संकेत भी दिए हैं, उन्होंने दावा किया है कि वो अपने खेल के दिनों का जितना भी समय बचा है, उसका आनंद लेना चाहते हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के हवाले से उन्होंने कहा, "मैं बस क्रिकेट के जो भी आखिरी कुछ साल खेल पाऊंगा, उसका आनंद लेना चाहता हूं। बचपन में, हम शाम 4 बजे खेलने के लिए बाहर जाते थे और खेल का आनंद लेते थे। लेकिन जब आप पेशेवर खेल खेलते हैं, तो क्रिकेट का आनंद लेना मुश्किल हो जाता है, बिल्कुल खेल की तरह। ये आसान नहीं है। भावनाएं होती हैं, प्रतिबद्धताएं होती हैं। मैं अगले कुछ सालों तक खेल का आनंद लेना चाहता हूं।"