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कपिल देव के किया भारत-पाकिस्तान सीरीज से इनकार,तो शोएब अख्तर ने दिया ये जवाब

लाहौर, 12 अप्रैल | पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए फंड जुटाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट कराने वाली बात पर अभी भी कायम हैं। अख्तर ने कोरोनावायरस से लड़ाई के

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma April 12, 2020 • 20:00 PM
Shoaib Akhtar
Shoaib Akhtar (IANS)
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लाहौर, 12 अप्रैल | पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए फंड जुटाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट कराने वाली बात पर अभी भी कायम हैं। अख्तर ने कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए फंड जुटाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच तीन मैचों की सीरीज कराने की बात कही थी। हालांकि अख्तर के इस बयान को भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने खारिज कर दिया था और कहा था कि भारत को पैसों की जरूरत नहीं है और उसे केवल स्वस्थ रहने पर ध्यान देना चाहिए।

कपिल के अलावा भारत के पूर्व खिलाड़ी मदन लाल ने भी अख्तर के प्रस्ताव को मना कर दिया था और कहा कि यह फैसला सरकार को लेना है, अख्तर को नहीं।

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अख्तर ने एक न्यूज चैनल से कहा, " मुझे लगता है कि कपिल भाई समझ नहीं पाए कि मैं क्या कहना चाह रहा था। सभी लोग आर्थिक रूप से फंसने वाले हैं। यह समय एक साथ रहने और राजस्व उत्पन्न करने का है। मैं बड़े परिप्रेक्ष्य के आर्थिक सुधारों के बारे में बात कर रहा हूं।"

उन्होंने कहा, " कपिल ने कहा कि उन्हें पैसों की जरूरत नहीं है। निश्चित रूप से नहीं होगी, लेकिन बाकियों को है। भारत पाक मैच से राजस्व उत्पन्न होगा। मुझे लगता है यह सुझाव ध्यान में लिया जाएगा।"

पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में काफी गरीबी है और दोनों देशों को संकट की इस घड़ी में एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।

अख्तर ने कहा, " मैंने कहा था कि प्रधानमंत्री इमरान खान से भी ज्यादा मैं भारत को जानता हूं। मैंने कई क्षेत्रों की यात्रा की है और वहां के कई लोगों के साथ बातचीत की है। मैं यहां लोगों को बताता रहता हूं कि भारतीय क्या हैं। हमारे देशों में बहुत गरीबी है। जब लोग पीड़ित हैं, तो मैं दुखी हूं। एक इंसान और एक मुसलमान के रूप में, मेरी जिम्मेदारी है कि मैं जितनी मदद कर सकूं।"

पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ने आगे कहा, " मैं केवल पूछ रहा था कि अगले छह महीनों के लिए हमारे पास क्या विकल्प हैं। क्रिकेट की वजह से नौकरी करने वाले सभी लोग क्या करेंगे? उन लोगों का क्या होगा जिनकी आजीविका क्रिकेट पर निर्भर करती है? समय आ गया है कि हम साथ में सोचें और योजना बनाएं कि राजस्व कैसे आएगा।"


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