PAK vs AUS 3rd Test: पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का अंतिम मुकाबला खेला जा रहा है। इस मैच में खिलाड़ियों से ज्यादा सुर्खियां पाकिस्तानी अंपायर अहसान रज़ा (Ahsan Raza) ने बटोरीं। अहसान रज़ा के चर्चा में रहने के पीछे की वजह हैरान कर देने वाली है। लाहौर के स्टेडियम में अंपायरिंग करना अहसान रज़ा के लिए खास है क्योंकि ये वही मैदान है जहां पर आतंकी हमले के दौरान उन्हें 2 गोलियां लगी थीं और लगभग उनके प्राण पखेरू उड़ ही चुके थे। एक गोली उनके फेफड़े में लगी थी और दूसरी उनके लीवर में।
लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम ने 1959 से 40 टेस्ट मैचों की मेजबानी की है, लेकिन 2009 के बाद से वहां पर कोई भी क्रिकेट नहीं खेला गया। बात 2009 की है जब लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में श्रीलंका क्रिकेट टीम पर आतंकी हमला हुआ था। पाकिस्तान दौरे पर गई श्रीलंकाई टीम की बस पर आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें तिलहन समरवीरा, महेला जयवर्धने समेत कई खिलाड़ी घायल हुए वहीं अहसान रज़ा को गोली लग गई।
अहसान रज़ा को जब गोली लगी तब उस वक्त वो मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड के साथ मिनी वैन में मौजूद थे। अहसान रज़ा ने बाद में बताया था कि अगर क्रिस ब्रॉड उनके साथ ना होते तो फिर उनकी जान ना बच पाती। क्रिस ब्रॉड ने अहसान रज़ा के सीने पर हाथ रखकर खून को बहने से रोका और उनकी जान बचाई थी।
