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PAK vs AUS: जिस पाकिस्तानी मैदान पर 13 साल पहले आतंकियों ने मारी थी 2 गोली, वहीं अंपायर ने की वापसी

Lahore Test: लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है। साल 2009 में इसी मैदान पर जा रहे वक्त Ahsan Raza को आतंकी हमले में 2 गोली लगी थी।

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PAK vs AUS umpire Ahsan Raza return to field after Lahore attack 2009
PAK vs AUS umpire Ahsan Raza return to field after Lahore attack 2009 (PAK vs AUS umpire Ahsan Raza)
Nitesh Pratap
By Nitesh Pratap
Mar 22, 2022 • 01:50 PM

PAK vs AUS 3rd Test: पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का अंतिम मुकाबला खेला जा रहा है। इस मैच में खिलाड़ियों से ज्यादा सुर्खियां पाकिस्तानी अंपायर अहसान रज़ा (Ahsan Raza) ने बटोरीं। अहसान रज़ा के चर्चा में रहने के पीछे की वजह हैरान कर देने वाली है। लाहौर के स्टेडियम में अंपायरिंग करना अहसान रज़ा के लिए खास है क्योंकि ये वही मैदान है जहां पर आतंकी हमले के दौरान उन्हें 2 गोलियां लगी थीं और लगभग उनके प्राण पखेरू उड़ ही चुके थे। एक गोली उनके फेफड़े में लगी थी और दूसरी उनके लीवर में।

Nitesh Pratap
By Nitesh Pratap
March 22, 2022 • 01:50 PM

लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम ने 1959 से 40 टेस्ट मैचों की मेजबानी की है, लेकिन 2009 के बाद से वहां पर कोई भी क्रिकेट नहीं खेला गया। बात 2009 की है जब लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में श्रीलंका क्रिकेट टीम पर आतंकी हमला हुआ था। पाकिस्तान दौरे पर गई श्रीलंकाई टीम की बस पर आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें तिलहन समरवीरा, महेला जयवर्धने समेत कई खिलाड़ी घायल हुए वहीं अहसान रज़ा को गोली लग गई।

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अहसान रज़ा को जब गोली लगी तब उस वक्त वो मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड के साथ मिनी वैन में मौजूद थे। अहसान रज़ा ने बाद में बताया था कि अगर क्रिस ब्रॉड उनके साथ ना होते तो फिर उनकी जान ना बच पाती। क्रिस ब्रॉड ने अहसान रज़ा के सीने पर हाथ रखकर खून को बहने से रोका और उनकी जान बचाई थी।

अहसान रज़ा ने कहा था, 'मैं दो चीजों से बचा एक, मैंने अपने पेट के सामने ICC हैंडबुक रखी थी जिसने मुझे बचाया और दूसरा क्रिस ब्रॉड। पहले तो वो रो रहे थे, बस में बैठे सभी लोग रो रहे थे। हर तरफ एक पिन-ड्रॉप सन्नाटा था, और उसने अचानक महसूस किया कि मैं मर रहा था और मेरा खून बह रहा था। वह खून के प्रवाह को रोकने की कोशिश करने के लिए मुझ पर लेट गया था। मैंने बस अपने अल्लाह से कहा, कृपया मेरे बच्चों, तीन छोटी बेटियों के लिए मेरी जान बचाओ। बस इतना ही।'

लाहौर हमले के बाद अहसान रज़ा तीन दिन कोमा में थे। 2010 में लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट के लिए टेलीविजन अंपायर के रूप में वो नजर आए थे। अहसान रज़ा पाकिस्तान के लिए 21 फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके हैं। अहसान रज़ा अब तक 133 मैचों में अंपायरिंग कर चुके हैं।

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