'मुझे 2002 में कप्तानी ऑफर हुई थी', शोएब अख्तर का सनसनीखेज खुलासा
पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज शोएब अख्तर ने एक सनसनीखेज खुलासे में बताया है कि उन्हें 2002 में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की कप्तानी ऑफर हुई थी लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।
शोएब अख्तर अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में घिर जाते हैं और उनके द्वारा किए गए खुलासे सच में फैंस को हैरान भी कर जाते हैं। इसी कड़ी में पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने ऐसा खुलासा किया है जिसके बारे में शायद ही किसी को पता हो। अख्तर ने बताया है कि उनके पास पाकिस्तान क्रिकेट टीम का कप्तान बनने का मौका था, लेकिन उन्होंने विभिन्न कारणों से जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया।
सबसे महान तेज गेंदबाजों में से एक माने जाने वाले अख्तर के पास अभी भी क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है। अख्तर ने वनडे क्रिकेट में 161 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी थी और आज तक कोई भी तेज़ गेंदबाज इस नंबर को पीछे नहीं छोड़ पाया है। जब अख्तर अपनी पीक पर थे तो वो पाकिस्तान की रीढ़ बन चुके थे ऐसे में उन्हें कप्तानी का ऑफर मिलना लाज़मी था।
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अख्तर ने क्रिकेट पाकिस्तान से बातचीत के दौरान कहा, "मैं पर्याप्त रूप से फिट नहीं था। मैं पांच में से तीन मैच खेल सकता था। मुझे 2002 में कप्तानी की पेशकश की गई थी, लेकिन अगर मैं कप्तान बन जाता तब मैं केवल 1.5-2 साल ही खेल पाता। मैंने अपने साथियों का समर्थन किया, लेकिन बोर्ड उस समय बहुत अस्थिर था। पूरे बोर्ड में कुप्रबंधन था। पाकिस्तान ने खुद उस समय कुप्रबंधन का सामना किया था।"
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47 वर्षीय अख्तर ने 1997 में पाकिस्तान के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट, 163 वनडे और 15 टी-20 मैच खेले। अख्तर के ये आंकड़े और भी बढ़ सकते थे लेकिन उनका करियर चोटों के कारण खराब हो गया। अख्तर ने 2011 विश्व कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। रिटायरमेंट के बाद, उन्होंने अपना चैनल शुरू करके YouTube करियर शुरू किया, जहां वो कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय देते हैं।