RCB के लिए खेलना चाहते हैं 'सिक्सर किंग' प्रियांश आर्य, विराट कोहली हैं फेवरिट प्लेयर
दिल्ली प्रीमियर लीग में अपने बल्ले से धमाल मचाने वाले प्रियांश आर्य ने आईपीएल की अपनी पसंदीदा टीम को चुना है। उन्होंने कहा है कि वो आरसीबी के लिए खेलना चाहते हैं।
दिल्ली प्रीमियर लीग 2024 में आयुष बदोनी और प्रियांश आर्य जमकर रन बरसा रहे हैं। आयुष बदोनी को तो हम आईपीएल के जरिए जानते हैं लेकिन प्रियांश आर्य ने अपनी तूफानी बल्लेबाजी से फैंस के दिलों में एक अलग पहचान बना ली है। नॉर्थ दिल्ली के खिलाफ मैच में प्रियांश ने 55 गेंदों में 120 रनों की तूफानी पारी खेली। अपनी इस पारी के दौरान उन्होंने एक ओवर में छह छक्के भी लगाए। उनके इस कारनामे के चलते घरेलू क्रिकेट में कई रिकॉर्ड टूट गए।
ज़ाहिर सी बात है कि डीपीएल में धमाल मचाने के बाद हर कोई इस युवा खिलाड़ी को आईपीएल में देखना चाहेगा और जब खुद प्रियांश से उनकी पसंदीदा आईपीएल टीम और पसंदीदा प्लेयर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने विराट कोहली को अपना पसंदीदा खिलाड़ी बताया और किसी दिन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के लिए खेलने की इच्छा जताई।
Trending
इंडिया टुडे ने आर्य के हवाले से कहा, "विराट कोहली मेरे पसंदीदा हैं, मैं आरसीबी के लिए खेलना चाहता हूं। मेरी पसंदीदा टीम आरसीबी है, मैं विराट कोहली का बहुत प्रशंसक हूं, मुझे उनकी आक्रामकता पसंद है। मुझे आक्रामक क्रिकेट खेलना भी पसंद है। वो मेरे आदर्श हैं।"
साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स का प्रतिनिधित्व करते हुए, प्रियांश डीपीएल में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने नौ पारियों में 602 रन बनाए हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने कुुछ दिन पहले सुपरस्टार्स और नॉर्थ दिल्ली स्ट्राइकर्स के बीच हुए मुक़ाबले में 12वें ओवर में बाएं हाथ के स्पिनर मनन भारद्वाज की धज्जियां उड़ा दीं। आर्य ने टूर्नामेंट में अपना दूसरा शतक बनाया और अपनी टीम को 20 ओवर में 308/5 का विशाल स्कोर बनाने में मदद की।
Also Read: Funding To Save Test Cricket
उन्होंने इस मैच में अपनी पारी के बारे में बात करते हुए कहा, “मेरे दिमाग में ये बात थी कि अगर कोई बाएं हाथ का स्पिनर गेंदबाज़ी करने आता है, तो मैं उस पर हमला करूंगा। चौथे छक्के के बाद, मुझे विश्वास होने लगा कि मैं छह छक्के लगा सकता हूं और मैंने ऐसा करने की कोशिश की। आयुष ने मेरा साथ दिया और मुझे आगे बढ़ने के लिए कहा। बदोनी काफी शांत हैं और ज्यादा बात नहीं करते, बस हमें खुद को अभिव्यक्त करने के लिए कहते हैं। टीम का माहौल शांत है, कोच नकारात्मक के बजाय सकारात्मक चीजों के बारे में बात करते हैं। मानसिकता ट्रॉफी जीतने की है।"