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सौरव गांगुली, भारतीय क्रिकेट में सुपरस्टार कल्चर पर भड़के रामचंद्र गुहा,धोनी को लेकर किया बड़ा खुलासा

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में बीसीसीआई का कामकाज देखने के लिए नियुक्त गई प्रशासकों की समिति (सीओए) के सदस्य रह चुके इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भारतीय क्रिकेट में व्याप्त सुपरस्टार कल्चर की जमकर आलोचना की है। अपनी नई...

IANS News
By IANS News November 28, 2020 • 18:34 PM
Ramachandra Guha lashes out at Ganguly, superstar culture in Indian cricket
Ramachandra Guha lashes out at Ganguly, superstar culture in Indian cricket (Image Credit: Google)
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में बीसीसीआई का कामकाज देखने के लिए नियुक्त गई प्रशासकों की समिति (सीओए) के सदस्य रह चुके इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भारतीय क्रिकेट में व्याप्त सुपरस्टार कल्चर की जमकर आलोचना की है। अपनी नई किताब 'द कॉमनवेल्थ ऑफ क्रिकेट' को लेकर ईएसपीएनक्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में गुहा ने भारत के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी की तारीफ की है लेकिन विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए को विराट कोहली के खिलाफ न बोलने के लिए आड़े हाथों लिया है।

गुहा ने कहा, "एक बार बेदी ने टीवी पर एक इंटरव्यू में कुछ कह दिया था तो उन्हें 1974 बेंगलुरू टेस्ट में बैन कर दिया गया था। खिलाड़ियों को ज्यादा ताकत चाहिए थी, उन्हें अच्छे से वेतन मिलना चाहिए था, जिसमें काफी लंबा समय लगा। बेदी और सुनील (गावस्कर)की पीढ़ी को उनके करियर के अंत तक ज्यादा पैसा नहीं मिलता था।"

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गुहा ने भारतीय कप्तान को मिली शक्तियों पर सवाल उठाते हुए कहा, "लेकिन अब उन्हें भगवान और आइकन बना देना एक अलग चीज है। मैं कोहली और अनिल कुंबले के बीच के विवाद की बात कर रहा हूं। कोहली को यह शक्ति कैसी मिल सकती है कि वह इस बात का चुनाव करें कि टीम का कोच कौन होगा कौन नहीं। यह किसी भी टीम में नहीं होता है, कहीं भी नहीं।"

गुहा ने सीओए की उस बैठक का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को केंद्रीय अनुबंध की ग्रेड में बदलाव करने की बात कही थी क्योंकि वह टेस्ट से संन्यास ले चुके थे। उन्होंने कहा कि सीओए के बाकी सदस्य ऐसा करने से डर रहे थे।

उन्होंने कहा, "धोनी ने फैसला कर लिया था कि वह टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलेंगे। वह सिर्फ वनडे खेलेंगे। मैंने कहा था (सीओए में) कि उन्हें ग्रेड-ए का अनुबंध नहीं मिलना चाहिए। साफ बात है, यह अनुबंध उन खिलाड़ियों के लिए है जो तीनों प्रारूप खेलते हों। वह टेस्ट नहीं खेलना चाहते यह उनका फैसला है। उन्होंने कहा, नहीं, हमें उन्हें ए से बी में लाने में डर लगता है। बोर्ड से ज्यादा सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कि गई सीओए जिसका अध्यक्ष सीनियर आईएएस था और वो डरी हुई थी। मुझे लगा कि यह बड़ी समस्या है। इसलिए मैंने इसका विरोध किया। जब मैं कुछ कर नहीं सका तो मैंने इसके बारे में लिखा।"

गुहा ने बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली के बारे में कहा कि वह हथियार डाल चुके हैं।

उन्होंने कहा, "गांगुली ने हथियार डाल दिए हैं। कुछ ऐसी चीजें हैं जो उन्हें नहीं करनी चाहिए। वह जो कर रहे हैं वो हितों का टकराव है। वह जिस तरह के उदाहरण सेट कर रहे हैं वो बहुत खराब है। मैं इसे दुख के साथ कह रहा हूं क्योंकि मैं गांगुली को काफी मानता था, एक क्रिकेटर के तौर पर और एक कप्तान के तौर पर।"

गुहा ने बेदी को शानदार इंसान बताते हुए कहा, "वह शानदार शख्सियत के इंसान हैं। वह कभी टाल-मटोल नहीं करते, कभी बहाने नहीं बनाते। जो होता है वह वो कहते हैं।"


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