हर्षल पटेल ने उठाए वाइड-नो बॉल्स के लिए DRS पर सवाल, कहा- 'इससे प्रोब्लम का सोल्यूशन नहीं मिलेगा'
आगामी आईपीएल सीज़न में वाइड और नो बॉल्स के लिए भी डीआरएस की मदद ली जाने वाली है लेकिन आरसीबी के गेंदबाज हर्षल पटेल इस नियम से खुश नहीं हैं।
आगामी आईपीएल सीजन में वाइड और नो बॉल्स के लिए भी खिलाड़ी रिव्यू कर सकेंगे। इस नियम के आने से गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों को राहत मिलने की उम्मीद है लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के तेज गेंदबाज हर्षल पटेल इस मामले में अलग राय रखते हैं। उन्हें लगता है कि वाइड और (कमर से ऊंची) नो-बॉल के लिए डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) के इस्तेमाल से फैसलों में शायद सुधार नहीं हो सकता है।
हाल ही में समाप्त हुई महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) 2023 के दौरान वाइड और नो-बॉल के लिए डीआरएस शुरू किया गया था। महिला प्रीमियर लीग में इसके सफल परीक्षण के बाद अब ये आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान भी लागू किया जा रहा है। खैर हर्षल पटेल इससे संतुष्ट नहीं है और उन्होंने कहा है कि इससे समस्या का समाधान नहीं निकलेगा।
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ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बातचीत के दौरान हर्षल ने कहा, "तकनीक निश्चित रूप से उन स्थितियों में सहायक हो सकती है जहां आप काले और सफेद को अलग कर सकते हैं। लेकिन ये गेंदें हमेशा ग्रे होने वाली हैं, विशेष रूप से वाइड-बॉल लाइन। क्योंकि आप वास्तव में ये नहीं आंक सकते कि बल्लेबाज कितना आगे बढ़ा है, क्या गेंद उसके आसपास थी, गेंद का कोण कौन सा था। क्योंकि दाएं और बाएं हाथ के गेंदबाजों के लिए अलग एंग्ल बनेगा ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि फैसला किस पक्ष में जाता है।"
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आगे बोलते हुए हर्षल ने कहा, "मुझे नहीं पता कि निर्णय लेते समय इनमें से कितने कारकों को ध्यान में रखा जाएगा। जाहिर है, वो इनमें से बहुत से कारकों को ध्यान में नहीं रख सकते क्योंकि इसमें बहुत समय लगेगा। मेरी राय में, ये समस्या का समाधान नहीं है। आपको खेल में मानवीय कारकों को रखना होगा और आगे बढ़ना होगा। दूसरी बात ये है कि आपको केवल दो रिव्यू मिलते हैं, ठीक है? क्या आप वास्तव में एक सिंपल कॉल पर रिव्यू का उपयोग करना चाहते हैं, जो आपके पक्ष में हो भी सकता है और नहीं भी।"