ऑलराउंडर शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज में भारतीय टीम में जगह मिली है। 27 साल के इस खिलाड़ी के क्रिकेटर बनने की कहानी काफी दिलचस्प है। ज्यादा पीछे नहीं जाते साल 2015 का ही वाक्या आपके साथ शेयर करते हैं। शाहबाज अहमद ने क्रिकेट के अपने सपने को पूरा करने के लिए कोलकाता का रुख किया था। उनके पिता ने इस शर्त पर उन्हें कोलकाता जाने दिया कि वो अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करेंगे।
बंगाल के पूर्व क्रिकेटर प्रमोद चंदिला से मिली सलाह के बाद शाहबाज अहमद ने कोलकाता जाकर क्रिकेट में अपना भविष्य बनाने का फैसला किया था। उस वक्त शाहबाज अहमद सिविल इंजिनियरिंग के थर्ड ईयर में थे। हरियाणा के नूंह जिले में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट ऑफिस में क्लर्क का काम करने वाले उनके पिता चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ाई पूरी करे।
शाहबाज अहमद के पिता ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत के दौरान कहा, 'कोई बाप नहीं चाहेगा कि उसका बेटा पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट खेले। वो कुछ बड़ा करना चाहता था उसकी जिद थी। उसके कॉलेज के प्रोफेसरों ने भी उससे साफ कहा था कि वो गलती कर रहा है क्योंकि पढ़ाई में भी वो अच्छा था।'

