2011 वर्ल्ड कप फाइनल फिक्स होने के आरोपों की श्रीलंका के खेल मंत्रालय ने जांच शुरू की
कोलंबो, 20 जून | श्रीलंका के खेल मंत्रालय ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में फिक्सिंग के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। मंत्रालय की विशेष जांच इकाई इस मामले की जांच करेगी। खेल सचिव केडीएस रूवानचंद्रा ने श्रीलंकाई समाचार
कोलंबो, 20 जून | श्रीलंका के खेल मंत्रालय ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में फिक्सिंग के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। मंत्रालय की विशेष जांच इकाई इस मामले की जांच करेगी। खेल सचिव केडीएस रूवानचंद्रा ने श्रीलंकाई समाचार पत्र डेली मिरर से कहा कि मौजूदा खेलमंत्री डल्लास अलहप्पेरूमा ने 2019 में पारित 'खेलों से संबंधित अपराधों की रोकथाम अधिनियम' की धारा 16 के तहत निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए कहा है।
इससे पहले, श्रीलंका के पूर्व खेल मंत्री महिंदानंद अल्थगमागे ने आरोप लगाया था कि मुंबई में मेजबान भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला फिक्स था।
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मंत्री के इस दावे के बाद श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा और पूर्व बल्लेबाज महेला जयवर्धने ने उनसे सबूत पेश करने को कहा था।
दो अप्रैल, 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले को भारतीय टीम ने छह विकेट से जीता था। श्रीलंका को लगातार दूसरी बार फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।
इस मैच में शतक जड़ने वाले जयवर्धने ने इस आरोप को बकवास करार दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, "क्या चुनाव होने वाले हैं? ऐसा लग रहा है कि सर्कस शुरू हो गया है। नाम और सबूत?"
अल्थगमागे ने न्यूज फस्र्ट से कहा था, " साल 2011 में खेला गया वर्ल्ड कप फाइनल फिक्स था। मैं अपने बयान पर कायम हूं। यह उस समय हुआ था जब मैं खेल मंत्री था। अपने देश की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए और अधिक खुलासे नहीं करना चाहता हूं। भारत के खिलाफ उस मैच को हम जीत सकते था।"
उन्होंने कहा था, "मैं अपने बयान की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और बहस के लिए तैयार हूं। मैं इसमें खिलाड़ियों को शामिल नहीं करूंगा लेकिन कुछ समूह जरूर इस मैच को फिक्स करने में शामिल थे।"
2011 वर्ल्ड कप फाइनल में संगकारा टीम के कप्तान थे। उन्होंने कहा कि इस आरोप की तह तक पहुंचना सबसे अच्छी बात होगी।
संगकारा ने न्यूज फस्र्ट से कहा था, " तब किसी को भी अटकलें लगाने की जरूरत नहीं होगी और वे इसकी तह तक जा सकते हैं। यही कार्रवाई का सबसे विवेकपूर्ण तरीका होना चाहिए।"