Advertisement
Advertisement
Advertisement

बॉल ब्वाय से लेकर पंजाब में शामिल होने तक, आशुतोष आईपीएल में धमाल मचाने के लिए तैयार

Punjab Kings: भारतीय क्रिकेट की दुनिया में एक नया खिलाड़ी इन दिनों सुर्खियों में है। उस खिलाड़ी का नाम है आशुतोष शर्मा, जिसने बॉल ब्वाय से लेकर अब आईपीएल टीम पंजाब किंग्स का सफर तय कर लिया है।

Advertisement
From ball boy to Punjab Kings’ new signing: Ashutosh Sharma ready to set IPL ablaze
From ball boy to Punjab Kings’ new signing: Ashutosh Sharma ready to set IPL ablaze (Image Source: IANS)
IANS News
By IANS News
Feb 20, 2024 • 12:58 PM

Punjab Kings: भारतीय क्रिकेट की दुनिया में एक नया खिलाड़ी इन दिनों सुर्खियों में है। उस खिलाड़ी का नाम है आशुतोष शर्मा, जिसने बॉल ब्वाय से लेकर अब आईपीएल टीम पंजाब किंग्स का सफर तय कर लिया है।

IANS News
By IANS News
February 20, 2024 • 12:58 PM

इस मौके ने आशुतोष शर्मा को भारतीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने और खुद को साबित करने का अवसर दिया है।

Trending

इस बीच मुंबई में पंजाब किंग्स के बल्लेबाजी शिविर के बाद आशुतोष शर्मा हाथ में फोन लेकर उत्साह से बैठे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि वो पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगड़ के आने का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि वो उनको एक 12 साल पुरानी तस्वीर दिखाना चाहते थे।

फ्रेंचाइजी के क्रिकेट विकास प्रमुख बांगड़ उस समय बहुत खुश हुए जब आशुतोष ने उनके साथ अपनी 12 साल पुरानी सेल्फी दिखाई।

जब सेल्फी ली गई तब बांगड़ कोच्चि फ्रेंचाइजी का हिस्सा थे। वहीं आशुतोष एक युवा बॉल ब्वाय थे। एक दशक से भी अधिक समय के बाद 25 वर्षीय क्रिकेटर को अपने क्रिकेट आदर्शों में से एक के तहत प्रशिक्षण लेने का मौका मिलेगा, क्योंकि उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग के आगामी संस्करण के लिए पंजाब फ्रेंचाइजी ने 20 लाख रुपये में चुना है।

आशुतोष ने कहा, "मुझे बांगड़ सर के साथ अपनी मुलाकात याद है। मैं उस समय 10-11 साल का था और मैंने उनसे अपने बल्लेबाजी रुख पर सलाह देने के लिए कहा था। अब, मेरा यह सपना पूरा हो गया है। मैं अब पंजाब किंग्स का हिस्सा हूं और उनके मार्गदर्शन में खुद को तैयार करुंगा।

मध्य प्रदेश के रतलाम शहर के रहने वाले आशुतोष ने छोटी उम्र में ही अपना क्रिकेट सफर शुरू कर दिया था। अपने गृहनगर में अवसरों की कमी के कारण, जब वह 8 वर्ष के थे तो वह मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की आवासीय अकादमी में प्रशिक्षण लेने के लिए इंदौर चले गए।

आशुतोष ने अपने संघर्ष को याद करते हुए कहा, "जब मैंने घर छोड़ा, तो मेरे पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। मैं एक शिविर में जाता था और दोपहर के भोजन का खर्च उठाने के लिए मैंने मैचों में अंपायरिंग करना शुरू कर दिया। हमारा परिवार सीमित साधनों वाला था और इतनी जल्दी सब कुछ अकेले करना कठिन था लेकिन मैंने कभी भी अपने संघर्षों का असर अपने परिवार पर नहीं पड़ने दिया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि उन्हें चिंता हो।''

अकेले बिताए गए समय ने आशुतोष को अपने दोस्तों के बीच शेफ भी बना दिया और खाना बनाना उनके पसंदीदा शौक में से एक बन गया।

उन्होंने कहा "मेरी सिग्नेचर डिश पनीर करी और चावल होगी। मैं अद्भुत अदरक की चाय भी बनाता हूं।''

बड़े होकर आशुतोष ने सूर्यकुमार यादव के साथ-साथ स्थानीय रतलाम क्रिकेटर नमन ओझा को अपने बचपन के आदर्शों में से एक माना। 2019 में, लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद मध्य प्रदेश में उन्हें अवसर नहीं मिले और खेल से तीन साल दूर रहने के बाद, आशुतोष रेलवे में स्थानांतरित हो गए।

पिछले साल, अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी मुकाबले में दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 11 गेंदों में अर्धशतक बनाया, और युवराज सिंह के सबसे छोटे प्रारूप में सबसे तेज अर्धशतक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया और क्रिकेट समुदाय का ध्यान आकर्षित किया।

जब लंबे इंतजार के बाद आखिरकार पंजाब किंग्स ने उन्हें एक्सेलेरेशन राउंड में चुना, तो आशुतोष बेहद खुश हुए।

अब, आईपीएल के आगामी सीज़न में शामिल होने के लिए तैयार आशुतोष ने अपना मिशन तैयार कर लिया है। उन्होंने कहा, "मैं खुद को अभिव्यक्त करना चाहता हूं। मैंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है। मैं अब और भी अधिक मेहनत करूंगा ताकि मैं पंजाब किंग्स को उनकी पहली ट्रॉफी जीतने में मदद कर सकूं।"

Advertisement

Advertisement