आईपीएल के साथ फ़्रैंचाइज़ियों ने 2025 के लिए होने वाली बड़ी नीलामी से पहले आयोजित किए गए फ़ीडबैक सत्र में खिलाड़ियों को रिटेन करने और बड़ी नीलामी की अवधि समेत अन्य मसलों पर सुझाव साझा किए हैं। हर पांच वर्ष बाद बड़ी नीलामी का आयोजन किए जाने के साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि टीमों को चार से छह खिलाड़ियों को रिटेन करने का मौक़ा मिलना चाहिए। वहीं उन्होंने आठ राइट टू मैच (आरटीएम) कार्ड्स का विकल्प दिए जाने की मांग भी की है।
आईपीएल की एक फ़्रैंचाइज़ी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार तीन वर्ष के बजाय बड़ी नीलामी का हर पांच वर्ष की अवधि में आयोजन अधिक फ़ायदेमंद है। इससे फ़्रैंचाइज़ी को युवा ख़ासकर अनकैप्ड खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिल पाएगा। ऐसी फ़्रैंचाइज़ी जो पहले सीज़न से इस टूर्नामेंट का हिस्सा हैं, उन्होंने युवा प्रतिभाओं की ख़ोज करने में काफ़ी निवेश किया है। उन्होंने प्रतिभाओं को तलाशने और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार करने के उद्देश्य के साथ क्रिकेट अकादमी भी स्थापित की हैं। हर पांच वर्ष में बड़ी नीलामी का आयोजन टीमों को ऐसा करते रहने के लिए प्रेरित करेगा लेकिन हर तीन वर्ष की अवधि में बड़ी नीलामी का आयोजन होने से टीमों को उन प्रतिभाओं को अपने खेमे से प्रतिद्वंद्वी खेमे में चले जाने आशंका बनी रहती है, जिन्हें उन्होंने ख़ुद तैयार किया है।
क्रिकइंफो की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में दो बार ऐसा हुआ है जब आईपीएल की बड़ी नीलामी चार वर्ष के अंतराल पर हुई है। पहली बार ऐसा 2017 में हुआ था, उस वर्ष बड़ी नीलामी 2014 के बाद पहली बार आयोजित हुई थी क्योंकि उस समय चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स दो साल के प्रतिबंध (2016 और 2017) के बाद वापसी कर रहे थे। कोरोना महामारी के चलते इसके बाद अगली बड़ी नीलामी 2021 में आयोजित हुई। दोनों ही अवसरों पर फ़्रैंचाइज़ियों के पास अपने खिलाड़ियों का अनुबंध एक वर्ष के लिए बढ़ाने की सुविधा थी।