पर्थ टेस्ट : ख्वाजा के फैसले की क्लार्क ने की आलोचना, ये है वजह
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट कप्तान माइकल क्लार्क ने भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में डेब्यू कर रहे सलामी बल्लेबाज नाथन मैकस्वीनी को पहली गेंद खेलने देने के उस्मान ख्वाजा के फैसले की आलोचना की।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट कप्तान माइकल क्लार्क ने भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में डेब्यू कर रहे सलामी बल्लेबाज नाथन मैकस्वीनी को पहली गेंद खेलने देने के उस्मान ख्वाजा के फैसले की आलोचना की।
यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली के शतकों की बदौलत भारत ने अपनी दूसरी पारी 487/6 पर घोषित कर ऑस्ट्रेलिया को 534 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था।
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तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया की मुश्किलें और बढ़ गई। एक विशाल लक्ष्य के जवाब में मेजबान टीम की शुरुआत खराब रही। सलामी बल्लेबाज मैकस्वीनी सिर्फ चार गेंद ही खेल सके और जसप्रीत बुमराह की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। चौथे दिन ख्वाजा भी सिराज का शिकार हुए।
क्लार्क ने स्काई स्पोर्ट्स के बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफास्ट शो में कहा, "बहुत से लोग पहली गेंद खेलना पसंद नहीं करते, इसलिए ओपनिंग बल्लेबाज रोटेट करते हैं। ख्वाजा ने पहली पारी में पहली गेंद खेली, जबकि दूसरी पारी में मैकस्वीनी ने यह जिम्मा उठाया। लेकिन मुझे लगता है कि ख्वाजा को ही दूसरी पारी में पहली गेंद खेलना चाहिए था। उन्हें कहना चाहिए था मैं एक सीनियर खिलाड़ी हूं। मैं जानता हूं कि तुम ऐसा करना चाहते हो लेकिन मुझे इसका लुत्फ उठाने दो।"
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की आलोचना भी की कि जब भारत ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी की और विशाल स्कोर बनाया तो गेंद और मैदान पर फील्डिंग में कोई संघर्ष नहीं दिखा।
क्लार्क ने स्काई स्पोर्ट्स के बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफास्ट शो में कहा, "बहुत से लोग पहली गेंद खेलना पसंद नहीं करते, इसलिए ओपनिंग बल्लेबाज रोटेट करते हैं। ख्वाजा ने पहली पारी में पहली गेंद खेली, जबकि दूसरी पारी में मैकस्वीनी ने यह जिम्मा उठाया। लेकिन मुझे लगता है कि ख्वाजा को ही दूसरी पारी में पहली गेंद खेलना चाहिए था। उन्हें कहना चाहिए था मैं एक सीनियर खिलाड़ी हूं। मैं जानता हूं कि तुम ऐसा करना चाहते हो लेकिन मुझे इसका लुत्फ उठाने दो।"
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Article Source: IANS