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'जब टाइम आएगा, तो मैं भी टेस्ट टीम में वापसी करूंगा',सूर्यकुमार यादव ने नहीं छोड़ी है आस

भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे सूर्यकुमार यादव ने अभी भी वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा है कि जब टाइम आएगा तो वो वापसी जरूर करेंगे।

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'जब टाइम आएगा, तो मैं भी टेस्ट टीम में वापसी करूंगा',सूर्यकुमार यादव ने नहीं छोड़ी है आस
'जब टाइम आएगा, तो मैं भी टेस्ट टीम में वापसी करूंगा',सूर्यकुमार यादव ने नहीं छोड़ी है आस (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Nov 08, 2024 • 11:18 AM

रोहित शर्मा के टी-20 प्रारूप से संन्यास लेने के ठीक बाद सूर्यकुमार यादव को भारतीय टीम की टी-20 कप्तानी सौंपी गई। तब से, उन्होंने भारत को श्रीलंका और बांग्लादेश दोनों के खिलाफ 3-0 से सीरीज में जीत दिलाई है। अब सूर्या के सामने साउथ अफ्रीका की मुश्किल चुनौती है क्योंकि भारतीय टीम को अफ्रीकी टीम से चार टी-20 मैचों की सीरीज उसी के घर में खेलनी है और इस सीरीज का आगाज़ आज यानि 8 नवंबर से होने जा रहा है।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
November 08, 2024 • 11:18 AM

हालांकि, इस सीरीज के आगाज़ से पहले सूर्या ने टेस्ट टीम में वापसी की इच्छा जताई है। गौरतलब है कि उन्होंने अपना एकमात्र टेस्ट फरवरी 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। नागपुर में खेले गए एकमात्र टेस्ट में उन्हें नाथन लायन ने सिर्फ आठ रन पर आउट कर दिया था। तब से, दाएं हाथ के इस बल्लेबाज को टीम से वापस बुलाए जाने का इंतजार है। सूर्या का मानना है कि जब समय आएगा तो उनकी टेस्ट टीम में वापसी भी हो जाएगी।

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ईएसपीएनक्रिकइंफो के हवाले से सूर्यकुमार ने कहा, "जब समय आएगा, मैं टेस्ट में वापसी करूंगा। मैं सभी घरेलू टूर्नामेंट खेल रहा हूं, चाहे वो रेड-बॉल हो या व्हाइट-बॉल। मैं कोई भी मैच मिस नहीं करता। अगर टेस्ट में वापसी होनी है, तो वो होगी।"

हाल ही में संपन्न टेस्ट सीरीज में भारत को न्यूजीलैंड ने घरेलू मैदान पर हरा दिया। रोहित घरेलू मैदान पर 3-0 से सीरीज हारने वाले पहले कप्तान बन गए और इस अनुभवी खिलाड़ी की काफी आलोचना हो रही है। इस बीच सूर्यकुमार ने भारत के टेस्ट और वनडे कप्तान का समर्थन किया और कहा कि रोहित के पास एक मजबूत व्यक्तित्व है और जल्द ही वापसी करेंगे।

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सूर्या ने आगे कहा, "खेल में जीतना और हारना आम बात है। हर कोई कड़ी मेहनत करता है, हर कोई जीतना चाहता है। मेरे लिए, जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज संतुलन है। चाहे वो (रोहित) अच्छा प्रदर्शन करे या नहीं, उसका चरित्र नहीं बदलता। ये एक ऐसा गुण है जो मुझे लगता है कि एक खिलाड़ी में हमेशा होना चाहिए।"

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