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तुषार देशपांडे और तनुष कोटियन ने रचा इतिहास, नंबर 10-11 पर सेंचुरी लगाने वाली दुनिया की दूसरी जोड़ी बनी

मुंबई के नंबर 10 बल्लेबाज तनुष कोटियन और नंबर 11 खिलाड़ी तुषार देशपांडे ने अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाते हुए रणजी ट्रॉफी 2023-24 के दूसरे क्वार्टर फाइनल में बड़ौदा के खिलाफ शतक जड़ दिया।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav February 27, 2024 • 12:33 PM
तुषार देशपांडे और तनुष कोटियन ने रचा इतिहास, नंबर 10-11 पर सेंचुरी लगाने वाली दुनिया की दूसरी जोड़ी
तुषार देशपांडे और तनुष कोटियन ने रचा इतिहास, नंबर 10-11 पर सेंचुरी लगाने वाली दुनिया की दूसरी जोड़ी (Image Source: Google)
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मुंबई के हरफनमौला खिलाड़ी तनुश कोटियन और तुषार देशपांडे ने बड़ौदा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल के दौरान इतिहास रच दिया। इन दोनों ने नंबर-10 और 11 पर खेलते हुए, एक ही पारी में शतक जड़ दिया और इसके साथ ही ये जोड़ी इस कारनामे को करने वाली प्रथम श्रेणी इतिहास में केवल दूसरी नंबर 10 और नंबर 11 जोड़ी बन गई।

अपने ओवरनाइट स्कोर नौ विकेट पर 337 रन से आगे खेलते हुए मुंबई की टीम पांचवें दिन लंच से पहले 569 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। कोटियन और देशपांडे ने आखिरी विकेट के लिए 232 रनों की रिकॉर्डतोड़ साझेदारी करके बड़ौदा को मैच से बाहर तो किया ही लेकिन साथ ही कई कीर्तिमान भी स्थापित कर दिए। कोटियन ने सबसे पहले 115 गेंदों में नौ चौकों और तीन छक्कों की मदद से अपना शतक पूरा किया। वहीं, देशपांडे ने 112 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। उनकी इस पारी मेंआठ चौके और छह छक्के शामिल थे।

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देशपांडे और कोटियन की जोड़ी ने बनाए ये कीर्तिमान

दोनों बल्लेबाजों ने नंबर 10 और 11 पर बल्लेबाजी करते हुए अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक लगाया और इस तरह ये जोड़ी चंदू सरवटे और शुते बनर्जी के बाद एक ही पारी में नंबर 10 और नंबर 11 के रूप में प्रथम श्रेणी शतक दर्ज करने वाली दूसरी जोड़ी बन गई। सरवटे और बनर्जी ने 1946 में ओवल में सरे बनाम इंडियंस मैच में ये उपलब्धि हासिल की थी।

इसके अलावा कोटियन और देशपांडे के बीच हुई साझेदारी, ऐसी तीसरी साझेदारी है जब किसी भारतीय जोड़ी ने आखिरी विकेट के लिए 200 से अधिक की साझेदारी की है। देशपांडे नंबर 11 पर बल्लेबाजी करते हुए प्रथम श्रेणी शतक बनाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज भी बन गए। इसके साथ ही देशपांडे ने किसी भारतीय नंबर 11 बल्लेबाज द्वारा उच्चतम प्रथम श्रेणी स्कोर का रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज करवा लिया। देशपांडे ने बनर्जी के 121 रनों को पीछे छोड़ते हुए 123 रनों की पारी खेली।

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इन दोनों के बीच हुई 232 रनों की साझेदारी रणजी ट्रॉफी रिकॉर्ड से एक रन कम रह गई। जहां सरवटे और बनर्जी के नाम 249 रनों की साझेदारी का ओवरऑल इंडियन रिकॉर्ड दर्ज है। वहीं, रणजी ट्रॉफी का रिकॉर्ड अजय शर्मा और मनिंदर सिंह के नाम पर दर्ज है। शर्मा और सिंह ने 1991-92 के रणजी सेमीफाइनल में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में बॉम्बे के खिलाफ 233 रन की साझेदारी के साथ उपलब्धि हासिल की थी। शर्मा ने नाबाद 259 रनों के साथ शीर्ष स्कोर बनाया। वहीं, सिंह ने मैच में 233 रनों की साझेदारी में 78 रन बनाए, जिसे दिल्ली ने अंततः पहली पारी की बढ़त के आधार पर जीत लिया।


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