Tushar deshpande century
'मैं हमेशा साबित करना चाहता था कि मैं बैटिंग कर सकता हूं', 11 नंबर पर सेंचुरी लगाने के बाद तुषार देशपांडे ने तोड़ी चुप्पी
मुंबई के हरफनमौला खिलाड़ी तनुश कोटियन और तुषार देशपांडे ने बड़ौदा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल के दौरान इतिहास रच दिया। इन दोनों ने नंबर-10 और 11 पर खेलते हुए, एक ही पारी में शतक जड़ दिया और इसके साथ ही ये जोड़ी इस कारनामे को करने वाली प्रथम श्रेणी इतिहास में केवल दूसरी जोड़ी बन गई।
तुषार देशपांडे ने अपनी शतकीय पारी अपने पिता को समर्पित की है। तेज गेंदबाज ने कहा कि उनके पिता का हमेशा मानना था कि वो एक बहुत अच्छे ऑलराउंडर हो सकते हैं और इस शतक से उन्होंने अपने पिता को सही साबित कर दिखाया। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए, देशपांडे ने अपनी बल्लेबाजी के बारे में खुलकर बात की।
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