24 साल के कुमार कार्तिकेय सिंह (Kumar Kartikeya Singh) ने मुंबई इंडियंस के लिए आखिरी मैच में आईपीएल डेब्यू किया। कुमार कार्तिकेय सिंह को मैच के दौरान कैरम बॉल, ऑर्थोडॉक्स स्पिन, रिस्ट स्पिन, wrong'un जैसी तमाम शानदार गेंदों को फेंकते हुए देखा गया। कुमार कार्तिकेय सिंह के कोच संजय भारद्वाज ने एक जाने माने वेब पोर्टल के साथ बातचीत के दौरान उनके संघर्ष के दिनों और स्पिन गेंदबाजी में उनके महारत हासिल करने के लिए जुनून की दास्तान बताई है।
10 रुपये बचाने के लिए मीलों पैदल चलता था कुमार कार्तिकेय: कुमार कार्तिकेय सिंह अपनी क्रिकेट अकादमी से लगभग 80 किमी दूर गाजियाबाद के पास एक गांव मसूरी में कारखाने में मजदूर के रूप में भी काम कर चुके हैं। कारखाने के पास ही वो किराए के कमरे में रहते थे। कुमार कार्तिकेय सिंह रात भर फैक्ट्री में काम करता था और फिर सुबह अकादमी जाता था। अक्सर वह बिस्कुट के एक पैकेट के लिए 10 रुपये बचाने के लिए मीलों पैदल चलकर जाता था।
जब कुमार कार्तिकेय सिंह के कोच संजय भारद्वाज को उनके इस स्ट्रगल का पता चला तो उन्होंने कार्तिकेय से पूछा कि वह कहीं और क्यों नहीं रहते आसपास। तभी कार्तिकेय ने उन्हें कारखाने में अपनी नौकरी, रात की शिफ्ट और कठिन यात्रा के बारे में बताया। तब उनके कोच ने उन्हें अकादमी के रसोइया के पास मौजूद साइट पर रहने की पेशकश की थी।
