श्रीलंका के खिलाफ टी- 20 सीरीज से पहले युवराज सिंह को आखिर में मिली ये बड़ी खुशखबरी
30 नवंबर, नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी युवराज सिंह को ग्वालियर के आईटीएम विश्वविद्यालय द्वारा 'डॉक्टरेट इन फिलोसिफी होनोरिस कॉसा (पीएचडी एच.सी)' की उपाधि से नवाजा गया है। युवराज के साथ-साथ डॉ. ए.एस. कुमार, गोविंद निहलानी
30 नवंबर, नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी युवराज सिंह को ग्वालियर के आईटीएम विश्वविद्यालय द्वारा 'डॉक्टरेट इन फिलोसिफी होनोरिस कॉसा (पीएचडी एच.सी)' की उपाधि से नवाजा गया है। युवराज के साथ-साथ डॉ. ए.एस. कुमार, गोविंद निहलानी (फिल्म जगत), डॉ. अशोक वाजपेयी (कविता), रजत शर्मा (मीडिया), डॉ. आर.ए. माशलेकर (विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी) और अरुणा रॉय (सामाजिक कार्य) को भी इस उपाधि से नवाजा गया है।
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इस सम्मान को प्राप्त कर युवराज ने कहा, "मैं इस उपाधि से नवाजे जाने पर काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इस क्रम में इस उपाधि के साथ मुझ पर एक अतिरिक्त जिम्मेदारी आ गई है।" युवराज ने अपने करियर में एक खिलाड़ी के तौर पर 400 मैच खेले हैं और उनमें 10,000 से अधिक रन बनाए हैं। चंडीगढ़ के निवासी युवराज ने 2007 में भारतीय टीम की टी-20 विश्व कप में खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, 2011 विश्व कप में खिताबी जीत पर टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार मिला।
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क्रिकेट जगत से हटकर युवराज ने सामाजिक कार्यो में अपनी हिस्सेदारी दी है। कैंसर की बीमारी से जूझने और इससे बाहर निकलने के बाद 2012 में बॉम्बे ट्रस्ट अधिनियम 1950 के तहत उन्होंने 'यू वी केन' संस्था की शुरुआत की थी। इस संस्था का लक्ष्य कैंसर से पीड़ित लोगों की मदद करना और उन्हें इस बीमारी से लड़ने के लिए प्रेरित करना है। इसके साथ ही यह संस्था कैंसर पीड़ितों की वित्तीय सहायता के लिए धन भी जुटाती है।