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इन खिलाड़ियों के लिए अच्छा साबित हुआ आईपीएल 7

नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.) । आईपीएल का सातवां संस्करण कई नये खिलाडियों के साथ ही भारतीय टीम से बाहर चल रहे कुछ भारतीय धुरंधरों के लिए भी संजीवनी साबित हुआ है। शुरुआत करते हैं युवराज सिंह से जिन्होंने 2011

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Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jan 10, 2015 • 12:05 AM


नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.) । आईपीएल का सातवां संस्करण कई नये खिलाडियों के साथ ही भारतीय टीम से बाहर चल रहे कुछ भारतीय धुरंधरों के लिए भी संजीवनी साबित हुआ है। शुरुआत करते हैं युवराज सिंह से जिन्होंने 2011 के विश्वकप में गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया और मैन आफ द सीरीज बने, लेकिन उसके बाद से युवराज के बुरे दिन शुरु हो गये पहले कैंसर जैसी बिमारी ने उन्हें जकडा और जब वो कैंसर को मात देकर वापस मैदान पर लौटे तो उनके बल्ले ने उनका साथ छोड दिया और अप्रैल 2014 में टी-20 विश्व कप के फाइनल में वो भारत के लिए विलेन साबित हुए। लेकिन आईपीएल में इस बल्लेबाज ने वापसी की और अब तक 25 छक्के उड़ाकर अपने पुराने 'सिक्सर किंग'की छवि में लौट आये। पुरानी लय में लौट चुके 'सिक्सर किंग' युवराज सिंह ट्वेंटी 20 विश्वकप का लगा दाग धो रहे हैं।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
January 10, 2015 • 12:05 AM

मध्यक्रम के इस बल्लेबाज को आईपीएल सात की नीलामी में 14 करोड़ रूपए की सबसे ज्यादा कीमत पर खरीदा गया था। युवराज ने टूर्नामेंट में अपनी टीम रायल चैलेंर्जस बेंगलूर के पहले मैच में नाबाद 52 रन बनाए थे। लेकिन उसके बाद अगले सात मैचों में वह ज्यादा बडी पारी नहीं खेल पाए थे। युवराज ने इसके बाद अपना विस्फोटक रूप दिखाते हुए राजस्थान रायल्स के खिलाफ सात चौकों और सात छक्कों की मदद से 83 रन और फिर दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ नौ छक्कों की मदद से नाबाद 68 रन की जबरदस्त पारियां खेली थी। युवराज ने राजस्थान के खिलाफ 83 रन बनाने के अलावा चार विकेट भी लिए थे लेकिन उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा था।

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हालांकि दिल्ली के खिलाफ युवराज की विस्फोटक पारी ने बेंगलूर को शानदार जीत दिलाकर प्लेआफ की होड़ में बनाए रखा है। इन दो पारियों के बाद कहा जाने लगा है कि युवराज अपनी पुरानी फार्म में लौट आए हैं। युवराज ने 11 मैचों 141.93 के स्ट्राइक रेट के साथ 308 रन बनाए हैं, जिनमें तीन अर्धशतक शामिल हैं।

युवराज के बाद बात करते हैं भारतीय टीम से काफी समय से बाहर चल रहे गौतम गंभीर व विरेन्द्र सहवाग की। खराब फार्म से जूझ रहे गौतम गंभीर आईपीएल के शुरुआती चार मैचों में केवल 1 रन बना सके थे और तीन पारियों में तो वो खाता भी नहीं खोल पाये थे। चार मैचों के बाद गंभीर ने पांचवें मैच से फार्म में वापसी करते हुए 45 रन बनाए और उसके बाद लगातार तीन पारियों में अर्धशतक जडा। शुरुआती चार मैचों में 01 रन बनाने के बाद गंभीर ने आगे के 7 मैचों में 111.68 के स्ट्राइक रेट के साथ 257 रन बनाए। वहीं विरेन्द्र सहवाग ने 11 मैचों में 128.44 के स्ट्राइक रेट के साथ 280 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक शामिल है।

भारतीय टीम से बाहर चल रहे खिलाडियों में अगला नाम हरभजन सिंह का आता है। हरभजन ने आईपीएल सात में मुम्बई की तरफ से खेलते हुए बेहतरीन गेंदबाजी की और 11 मैचों में 10 विकेट अपने नाम किये। हालांकि हरभजन के नाम के अनुरुप यह उनका औसत प्रदर्शन ही कहा जायेगा। कुल मिलाकर टीम से बाहर चल रहे खिलाडियों ने आईपीएल 7 में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। अब देखना यह है कि उनका यह प्रदर्शन आगे के मैचों में जारी रहता है या नहीं और क्या वह अपने इस प्रदर्शन से भारतीय टीम में दोबारा जगह वना पायेगें?

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील

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