
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने हाल ही में पीटीआई को एक इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने ग्रेग चैपल के साथ 2005 के विवाद को लेकर खुलकर बात की। गांगुली ने इस विवाद को उनके साथ "अन्याय" बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम और कप्तानी से हटाया जाना अनुचित और दुखदायी था, और उन्होंने चैपल द्वारा स्थिति से निपटने की भी आलोचना की।
गांगुली का मानना है कि इस मामले को संघर्ष के बजाय खुली बातचीत से सुलझाया जा सकता था। गांगुली ने कहा, "ये मेरे लिए एक सरप्राइज था कि ये उस लेवेल तक क्यों गया। लेकिन इस विवाद ने मुझे मानसिक रूप से बहुत मज़बूत बनाया। ये दुर्भाग्यपूर्ण था क्योंकि मैंने इस घटना के 8-9 महीने तक कोई भी वनडे क्रिकेट नहीं खेला। वनडे में मैंने 9 सालों में 10 हजार रन बनाए लेकिन उस समय वनडे क्रिकेट नहीं खेला। इसके बाद जब मैं अगले साल वापस आया तो दुनिया में वनडे फॉर्मैट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाला खिलाड़ी था।"
आगे बोलते हुए दादा ने कहा, "मैंने टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखा लेकिन वनडे क्रिकेट से बाहर किए जाने का कारण मुझे आज भी पता नहीं है। ये दुर्भाग्यपूर्ण था और ये पर्सनल भी था। आप ही बताइए अगर किसी ने 10 हज़ार रन बनाए हों और उसे आप टीम में ही ना रखें। उस समय मैं उम्र में भी सिर्फ 31-32 साल का था। मैं अपने करियर की पीक पर था इसलिए काफी सरप्राइज्ड भी था। लेकिन इसके बाद भी मैंने हार नहीं मानी और इस घटनाक्रम के बाद भी मैं 4-5 साल खेला।"