Cricket History - इंग्लैंड का भारत दौरा 1981-82
इंग्लैंड ने 1981 में भारत का दौरा किया। हालांकि इस सीरीज को लेकर थोड़ी दुविधा थी क्योंकि ज्यॉफ बॉयकोट और ज्यॉफ कुक इस भारत दौरे से पहले साउथ अफ्रीका गए थे और वो रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव
इंग्लैंड ने 1981 में भारत का दौरा किया। हालांकि इस सीरीज को लेकर थोड़ी दुविधा थी क्योंकि ज्यॉफ बॉयकोट और ज्यॉफ कुक इस भारत दौरे से पहले साउथ अफ्रीका गए थे और वो रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को लेकर सख्त खिलाफ थे। टेस्ट सीरीज भारत ने 1-0 से जीती थी।
इस सीरीज में दोनों ही टीमों की ओर से काफी धीमा खेल देखने को मिला। भारत ने कपिल देव के बेहतरीन ऑरलाउंडर प्रदर्शन से पहले मैच को अपने नाम किया। पहली पारी में उन्होंने 38 रन बनाने के साथ-साथ 29 रन देकर एक विकेट हासिल किया। दूसरी पारी में उन्होंने 46 रन बनाने के अलावा 70 रन देकर 5 विकेट चटकाए।
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इस हार के बाद इंग्लैंड की मीडीया ने दोनों अंपयार - के रामास्वामी और स्वरूप किशन पर नाराजगी जताई।
जैसे ही भारत को इस पहले मैच में बढ़त मिली भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने इस 6 मैचों की टेस्ट सीरीज में बचे हुए मैचों में रक्षात्मक रवैया अपनाया। बाकी के अन्य मैच ड्रॉ हो गए लेकिन इस दौरान धीमी बल्लेबाजी और ओवर रेट सुर्खियों में रहा।
इन सभी मैचों में से सीरीज का चौथा टेस्ट मैच कोलकाता के इडेन गार्डेन्स पर खेला गया। यहीं मुकबाला ही एकमात्र ऐसा था जिसमें खेल चौथी पारी तब पहुंचा। इस मैच के दौरान 3 लाख 94 हजार दर्शकों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई जो कि तब एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। इस मैच के दौरान एक दोपहर को बॉयकट ने पेट दर्द की शिकायत की और मैदान पर फिल्डिंग करने नहीं आए। बाद में यह पाया गया कि वो पूरी दोपहर गोल्फ खेल रहे थे। बाद में उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इस सीरीज के एक साल बाद बॉयकट ने साउथ अफ्रीका को दौरा किया। उसके बाद उन्होंने और कोई टेस्ट मैच नहीं खेला।
इस सीरीज के दौरान मद्रास में खेले गए पांचवें टेस्ट मैच में एक और यादगार घटना हुई। गुंडप्पा विश्वनाथ और यशपाल शर्मा बिना अपना विकेट गवांए दूसरी दिन खेलते रहें।
इस दौरान भारत और इंग्लैंड के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज भी हुई जिसे भारत ने 2-1 से अपने नाम किया। यह तीनों मैच अहमदाबाद, जलंधर और कटक में खेले गए और यह पहली बार हुआ था जब भारतीय सरजमीं पर कोई वनडे सीरीज खेली गई थी।