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Cricket Tales - सुबह 4 बजे तक क्लब में पार्टी के बाद कप्तान ने टेस्ट में दोहरा शतक बना दिया

Cricket Tales | क्रिकेट के अनसुने दिलचस्प किस्से - कहानी ब्रायन लारा के एक ख़ास दोहरे शतक (213) की जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (1999) बतौर कप्तान बनाया गया और इसे टेस्ट इतिहास में खेली गयी बेहतरीन पारियों मैं से एक

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Cricket Tales
Cricket Tales (Image Source: Google)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Mar 14, 2023 • 09:09 AM

Cricket Tales | क्रिकेट के अनसुने दिलचस्प किस्से - कुछ दिन पहले के वेलिंगटन में इंग्लैंड-न्यूजीलैंड टेस्ट का जब भी जिक्र होगा तो सारी चर्चा फॉलोऑन के बाद भी न्यूजीलैंड की जीत की होगी। इसी चक्कर में, इस टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान बने एक ख़ास रिकॉर्ड पर किसी का ध्यान नहीं गया। जब किसी पारी में, एक पार्टनरशिप 302 रन की हो तो यही लगेगा कि जरूर 600-700 जैसा बड़ा स्कोर बना होगा। इंग्लैंड के 435-8 पारी समाप्त घोषित जैसे 'कम' स्कोर में एक पार्टनरशिप 300 रन की भी थी।

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
March 14, 2023 • 09:09 AM

हैरानी इस बात की है कि एक बार तो इससे भी कम स्कोर (ऑल आउट) वाली पारी में 300 रन की पार्टनरशिप थी- 1998-99 में किंग्स्टन में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध वेस्टइंडीज के 431 में ये रिकॉर्ड बना। तब ब्रायन लारा (213) और जिमी एडम्स (94) ने पांचवें विकेट के लिए 322 रन जोड़े थे और अगला सबसे बड़ा स्टैंड सिर्फ 22 का था। जब भी इस किंग्स्टन टेस्ट की बात होती है तो सबसे ज्यादा चर्चा इस पार्टनरशिप की होती है। लारा ने अपने टेस्ट करियर की सबसे बेहतरीन पारी में से एक खेली थी यहां। असल में, इस टेस्ट में लारा से जुड़ा और बहुत कुछ ऐसा था जो चर्चा में नहीं आया और जब उसे जानें तो पता चलेगा कि लारा ने कैसी बल्लेबाजी की?

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ऑस्ट्रेलिया की टीम फरवरी 1999 में वेस्टइंडीज टूर पर आई थी। इन दोनों टीम के बीच जोरदार मुकाबले वाली कई सीरीज हैं और इसे भी वैसा ही मुकाबला मान रहे थे। तब ऑस्ट्रेलिया के नंबर 1 रैंक के मुकाबले वेस्टइंडीज टीम नंबर 4 थी। जनवरी-मार्च 1998 की इंग्लैंड के विरुद्ध सीरीज से ब्रायन लारा कप्तान बने थे कर्टनी वॉल्श की जगह और इस बदलाव पर जमैका में आग सुलग रही थी और लारा उनके लिए किसी 'दुश्मन' जैसे ही थे।

इस मिजाज को नवंबर 1998 के बाद लारा ने और खराब कर दिया, ख़ास तौर पर दो बातों से- ज्यादा फीस की मांग पर लारा ने टीम से बगावत करा दी और जब सुलह के बाद टीम ने दक्षिण अफ्रीका में सीरीज खेली तो टेस्ट में 5-0 और वनडे में 6-1 से हार गए। हर कोई चाहता था लारा से कप्तानी छीन लें। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने तब भी, लारा को एक मौका और दिया। सीरीज के सिर्फ पहले दो टेस्ट के लिए कप्तान बनाया और कहा- कप्तानी में सुधार नजर न आया तो सीरीज के बचे टेस्ट में कोई और कप्तान होगा। ऐसे माहौल में खेली गई थी ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध वह सीरीज जिसका यहां जिक्र हो रहा है।

ऐसी चुनौती के सामने, वेस्टइंडीज के दो विकेट तो टेस्ट शुरू होने से पहले ही गिर गए- कार्ल हूपर की परिवार के साथ रहने की छुट्टी मंजूर हो गई और वे तीसरे टेस्ट से टीम में लौटे जबकि शिवनारायण चंद्रपॉल चोटिल थे। भरोसे के तीसरे सीमर की भी तलाश चल रही थी। स्पष्ट है लारा के पास इन दो टेस्ट के लिए कोई टॉप टीम नहीं थी। इसके मुकाबले ऑस्ट्रेलिया टीम में उनके सभी टॉप खिलाड़ी थे।

ऐसे में वही हुआ जिसका डर था। सीरीज के पहले ही टेस्ट में लारा की टीम 312 रन से हार गई- एक पारी में तो 51 पर ही टीम आउट हो गई थी। अब कहने लगे, दूसरे टेस्ट तक भी क्यों इंतजार करें- अब ही लारा को बदल दो। संयोग से, दूसरा टेस्ट उसी जमैका में था जहां पहले से लारा के कुछ सबसे बड़े आलोचक (इनमें से एक ख़ास : माइकल होल्डिंग) मौजूद थे। होल्डिंग तो उन्हें खुलेआम एक बिगड़ैल बच्चा कहते थे। सेलेक्टर तो लारा से उनकी पसंद की टीम तक पूछने के लिए तैयार नहीं थे।

अब आपको वह बात बताते हैं जिसे दबाने (या छिपाने) की पूरी कोशिश की गई। टेस्ट की सुबह, टीम बस होटल से स्टेडियम जाने के लिए तैयार और कप्तान साहब गायब। कुछ पता नहीं कि वे कहां हैं? विश्वास कीजिए- बस उन्हें छोड़कर स्टेडियम रवाना हो गई। दिन था 13 मार्च, 1999 का। गनीमत ये रही कि वार्म अप के चलते लारा स्टेडियम आ गए और इसीलिए बवाल न मचा कर, इस बात को दबा दिया। तब भी कप्तान ऐसा करे तो टीम का माहौल तो ख़राब होगा ही। लारा बिना वार्म अप टेस्ट खेले और बस मिस करने के लिए 1000 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगा।

स्टीव वॉ ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया 256 पर आउट। वेस्टइंडीज का अपना स्कोर 37-4 था स्टंप्स पर। दिन में 14 विकेट गिरे। इस पिच पर खेलना बड़ा मुश्किल था। तब भी, दूसरे दिन जिमी एडम्स और लारा की जोड़ी जम गई और धीरे-धीरे गेंदबाजों का दम टूटने लगा। ब्रायन लारा आक्रामक मूड में थे और इसलिए जिमी उन्हें ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक देने की कोशिश कर रहे थे। चारों ओर स्ट्रोक लगा रहे थे लारा। दूसरे दिन- लारा (212*) ने एडम्स (88*) के साथ पूरे दिन बल्लेबाजी की और पार्टनरशिप हो चुकी थी 321 रन की।

तीसरे दिन जब लारा 213 रन पर आउट हुए (29 चौके और 3 छक्के) तो स्टैंड में जो लगभग 8000 दर्शक मौजूद थे और उनका मूड बदल चुका था। एडम्स ने बाद में कहा- कप्तान के तौर पर वह जिस दबाव में थे, उसमें ऐसी बल्लेबाजी कमाल थी। वेस्टइंडीज 431 रन पर आउट और मैक्ग्रा ने 5 विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया पर, इससे ऐसा दबाव बना कि दूसरी पारी में 177 पर आउट और वेस्टइंडीज टीम 10 विकेट से टेस्ट जीत गई। सीरीज बराबरी पर आ गई। लारा, सीरीज के बचे टेस्ट के लिए भी कप्तान बना दिए गए। इन हालात में, लारा के 213 का सही मूल्यांकन करने की जरूरत है।

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वैसे क्या आप जानना नहीं चाहेंगे कि टेस्ट की पहली सुबह लारा ने टीम बस क्यों मिस की? उनके साथ वालों ने बताया कि वह सुबह 4 बजे तक किंग्स्टन नाइट क्लब 'द एसाइलम' में पार्टी कर रहे थे।

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