Cricket Tales - मार्च 1968 में पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट- वेस्टइंडीज के कप्तान गैरी सोबर्स ने टेस्ट में, दो बार (526/7 और 92/2) पारी समाप्त घोषित की और इंग्लैंड को जीत के लिए 165 मिनट में 215 रन बनाने थे। वे जब 7 विकेट से जीते तब भी 3 मिनट/8 गेंद बचे थे। इसी टेस्ट को और गहराई से देखते हैं- आखिरकार सोबर्स ने ऐसा किया क्यों?
पोर्ट-ऑफ-स्पेन टेस्ट को शुरू से ड्रॉ ही माना गया था- पिच सपाट थी और दोनों टीम में कई धुरंधर थे। ये सीरीज का चौथा टेस्ट था और पहले 3 टेस्ट में स्कोर 0-0 था। वेस्टइंडीज ने एक कमाल ये किया कि टॉप पेसर वेस हॉल को नहीं खिलाया। सोबर्स ने टॉस जीता, बल्लेबाजी का फैसला किया और तीसरी सुबह 526-7 पर पारी समाप्त घोषित की (सिमोर नर्स 136, कन्हाई 153- तीसरे विकेट के लिए 273 रन जोड़े)।
इंग्लैंड ने जवाब में 404 रन बनाए- सबसे बड़ी कामयाबी ये थी कि फॉलो-ऑन मार्क को पार किया था (कॉलिन काउड्रे 148)। एक ख़ास बात ये थी कि इंग्लैंड के आख़िरी 5 विकेट उन बेसिल बुचर(5-34) ने लिए जिन्होंने न तो उससे पहले और न ही उसके बाद टेस्ट क्रिकेट में और कोई विकेट लिया। चौथी शाम वेस्टइंडीज की दूसरी पारी शुरू हुई- वे 6-0 थे और कुल 128 रन आगे।