Cricket Tales - टीम इंडिया के वेस्टइंडीज-यूएसए टूर में दूसरा टी 20 इंटरनेशनल (Basseterre में) तीन घंटे की देरी से शुरू होगा- मैच से पहले की इस खबर ने एकदम हैरान कर दिया था। वजह- किट और अन्य जरूरी सामान त्रिनिदाद से सेंट किट्स पहुंचने में देरी। इस तरह जो मैच वहां के सुबह 10.30 बजे शुरू होना था- दोपहर 1.30 बजे शुरू हुआ। इसी का असर ये रहा कि तीसरे टी20 की शुरुआत 90 मिनट देरी से हुई ताकि खिलाड़ियों को कुछ और आराम मिल जाए। अभी तक ये नहीं पता चला कि असल में देरी हुई कैसे और कहां, तब भी बोर्ड की तारीफ़ करनी होगी कि देरी को छिपाया नहीं और मैच देखने वालों को भी हर तरह से ये संदेश देने की कोशिश की कि नए समय के हिसाब से ही मैच देखने आएं। इसीलिए वे कुछ हद तक आलोचना से बच गए।
बहरहाल वहां वजह चाहे जो रही हो पर जो 3 अक्टूबर 1984 को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध जमशेदपुर वन डे इंटरनेशनल से पहले जो हुआ उसका मुकाबला तो हो ही नहीं सकता- वह सरासर घटिया इंतजाम का तमाशा था। 1984 में BCCI ने रणजी ट्रॉफी के पचास साल पूरे होने के जश्न के दौरान, ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध, 5 वन डे इंटरनेशनल की सीरीज आयोजित की। मैचों का केलेंडर ऐसा मानो भारत दर्शन करा रहे हों और ये भी न सोचा कि एक शहर से दूसरे शहर पहुंचेंगे कैसे? मैच क्रम से दिल्ली, त्रिवेंद्रम, जमशेदपुर, अहमदाबाद और इंदौर में थे।
दूसरा वन डे 1 अक्टूबर को त्रिवेंद्रम में और तीसरा वन डे 3 अक्टूबर को जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में सुबह 9.30 बजे से- बीच में 2 अक्टूबर की नेशनल हॉलीडे यानि कि सब 'बंद'। त्रिवेंद्रम से सीधे जमशेदपुर की कोई फ्लाइट नहीं थी और वहां पहुंचने का सबसे तेज़ तरीका था वाया कोलकाता जाना। ये किसी ने नहीं सोचा कि जमशेदपुर में सोनारी एयरपोर्ट बड़ा छोटा है- ऐसा, जहां कोई बड़ा प्लेन उतर नहीं सकता तो दोनों टीम और सपोर्ट स्टाफ को, सामान समेत, एक ही फ्लाइट में कैसे भेज देंगे? सच्चाई ये है कि 2 अक्टूबर की रात को टीमें कोलकाता पहुंचीं। कुल सामान था 1500 किलो से ज्यादा और 3 अक्टूबर की सुबह जिस फोकर-फ्रेंडशिप प्लेन से जाना था उसमें 44 सीट थीं। कोई फालतू सामान रखना है तो उसी हिसाब से सवारी कम कर दो।