2007 ICC World T20 - पाकिस्तान को फाइनल में हराकर भारत ने जीता था पहला टी-20 वर्ल्ड कप
2007 ICC World Twenty20: टी20 विश्व कप का आगाज़ 2007 में हुआ था। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित पहले टी20 विश्व कप के दौरान किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि आगे आने वाले समय में टी20 क्रिकेट का इतना
2007 ICC World Twenty20: टी20 विश्व कप का आगाज़ 2007 में हुआ था। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित पहले टी20 विश्व कप के दौरान किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि आगे आने वाले समय में टी20 क्रिकेट का इतना बोलबाला होगा। टी20 विश्व कप में भारतीय टीम युवा एम एस धोनी के नेतृत्व में मैदान पर उतरी थी। क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में ना केवल धोनी ने खुद को साबित किया बल्कि कुछ ऐसा करिश्मा कर दिया जिसकी गूंज सदियों तक सुनाई देगी। 2007 टी20 विश्व कप में भारत की जीत के बाद ही आईपीएल टूर्नामेंट 2008 में शुरू हुआ था।
टी20 वर्ल्ड कप 2007 के बाद से ही टीम इंडिया के कायाकल्प की शुरुआत हुई थी। हालांकि उस वक्त किसी को भी इस बात की उम्मीद नहीं होगी कि आगे आने वाले समय में टी20 क्रिकेट इतना प्रतिष्ठित होगा। यही कारण है कि सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और जहीर खान जैसे तमाम दिग्गज खिलाड़ियों ने टी20 विश्व कप में ना शामिल होने को फैसला किया था।
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टी20 विश्व कप में शामिल होने से पहले टीम इंडिया ने मात्र एक टी20 मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। उस मैच में टीम इंडिया ने वीरेन्द्र सहवाग की कप्तानी में जीत का स्वाद चखा था। टी20 विश्व कप बिल्कुल नया टूर्नामेंट था जिसमें टीम इंडिया युवा फौज के साथ मैदान पर उतरी और शानदार प्रदर्शन करते हुए दिग्गजों से सजी ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमों के दांत खट्टे किए।
टी20 विश्व कप 2007 में भारत का सफर
इस विश्व कप का पहला मुकाबला 11 सितंबर 2007 को मेजबान साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच हुआ था। इस मुकाबले को प्रोटियाज ने 8 विकेट से जीता था। भारत को अपना पहला मुकाबला 13 सितंबर को डरबन के मैदान पर स्कॉटलैंड के खिलाफ खेलना था। यह मैच टीम इंडिया के लिए बेहद खास था क्योंकि इस मैच में गौतम गंभीर और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी डेब्यू करने वाले थे। हालांकि इस मैच में केवल टॉस ही हो सका और बाकी पूरा मैच बारिश की भेंट चढ़ गया।
ग्रुप लीग के रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान को दी शिकस्त: स्कॉटलैंड के खिलाफ पहला मुकाबला बारिश में धुल जाने के बाद अगले ही दिन यानी 14 सितंबर को भारत का मुकाबला चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ था। भारत-पाकिस्तान की टीमें पहली बार टी20 मुकाबले में आमने-सामने थीं। टीम इंडिया ने इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए धोनी के 50 रनों की बदौलत 20 ओवर में 141 रन बनाए थे। लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान की टीम ने 87 रनों पर 5 विकेट गंवा दिए लेकिन मिस्बाह उल हक ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत के जबड़े से लगभग जीत छीन ही ली थी। मिस्बाह उल हक अंतिम ओवर में 53 रन बनाकर रन आउट हो गए और यह मैच टाई हो गया।
भारत बनाम पाकिस्तान, बॉल आउट से हुआ था फैसला
भारत और पाकिस्तान के बीच मैच टाई होने के बाद बॉल आउट से फैसला होना था। बॉल आउट के नियम के अनुसार दोनों टीमों को बिना बल्लेबाजों के स्टंप्स पर 5 बॉल फेंकनी थी और जो टीम इन 5 मौकों में ज्यादा बार स्टंप्स हिट करेगी वह विजेता होगी। भारत की ओर से कप्तान धोनी ने हरभजन सिंह के अलावा सहवाग और उथप्पा से गेंद फेंकवाने का फैसला किया और उनका यह फैसला सही साबित हुआ और तीनों खिलाड़ियों ने स्टंप्स हिट किए। पाकिस्तान की ओर से शाहिद अफरीदी, उमर गुल और यासिर अराफात ने गेंदे फेंकी लेकिन तीनों ही खिलाड़ी स्टंप्स हिट नहीं कर सके और भारत ने 3-0 से इस मुकाबले को अपने नाम कर लिया।