Cricket History - भारत का इंग्लैंड दौरा 1967
साल 1967 में भारत का इंग्लैंड दौरा टीम के लिए बेहद खराब रहा। लगभग पिछले 10 सालों से भारत की स्थिति दयनीय थी और टीम को इस बीच कई हार का सामना करना पड़ा। भारत ने एशिया के बाहर इस
भारत के पास ज्यादा विकल्प नहीं थे। वेंकेटरमन सुब्रमनयम तेज गेंदबाजी करते लेकिन टीम को दूसरे छोड़ से उनका जोड़ीदार चाहिए था जो नई गेंद से बल्लेबाजों को परेशान कर सके। टीम के कप्तान मंसूर पटौदी ने रिजर्व विकेटकीपर बुद्धी कुंदरन से पूछा कि वो कैसी गेंदे फेंकते है। लेकिन मजेदार बात यह है कि खुद कुंदरन को भी इस बात की जानकारी नहीं थी। अगली सुबह भारत के लिए पटौदी और कुंदरन ने टेस्ट मैच में गेंदबाजी की शुरूआत करने आए।
उस दौरान भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजिनियर ने इंग्लैंड क्रिकेट मैनेजमेंट से अपने प्रदर्शन के कारण खूब वाहवाही बटोरीं थी। हैम्पशायर, समरसेट और वार्कशायर ने फारूख को अपनी टीम में लेने की कोशिश की लेकिन बाद में इस विकेटकीपर ने लंकाशायर की टीम के साथ करार किया। उन्होंने लंकाशायर के लिए 1968 से लेकर 1976 तक खेला।
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सीरीज का परिणाम
- पहला टेस्ट( लिड्स) - इंग्लैंड 6 विकेट से जीता।
- दूसरा टेस्ट( लॉर्डस) - इंग्लैंड की टीम पारी और 124 रनों से जीती।
- तीसरा टेस्ट (बिर्मिघम) - इंग्लैंड 132 रनों से जीती।