Sunil Gavaskar and Kapil Dev Fight: भारतीय क्रिकेट के आधुनिक युग में सबसे बड़े नाम में से दो कपिल देव और सुनील गावस्कर के हैं। अलग-अलग तरह के क्रिकेटर- सनी शुद्ध बल्लेबाज जबकि कैप्स तेज गेंदबाज थे पर आलराउंडर बन गए। क्रिकेट की दुनिया में खिलाड़ियों के बीच आपसी झगड़ों की कोई भी लिस्ट देख लीजिए- उसमें गावस्कर-कपिल झगड़े का कहीं जिक्र नहीं मिलेगा क्योंकि इन दोनों के बीच लड़ाई में कोई गाली-गलौज नहीं हुई, धक्का-मुक्की या मारपीट भी नहीं हुई और इसीलिए किसी पर कोई पेनल्टी नहीं लगी पर ये झगड़ा सालों चला।
आज सुनील गावस्कर के लिए कपिल देव 'क्रिकेट का रत्न' हैं जबकि कपिल की नजरों में, सुनील गावस्कर भारत का कप्तान बनने के सबसे सही दावेदार थे और जब तक खेलते रहे, सिर्फ उन्हें ही भारत का कप्तान होना चाहिए था। इसलिए ये लड़ाई न सिर्फ ऐसी 'खामोश लड़ाई' थी जो आपसी मुकाबले के पर्दे के पीछे चलती रही, गैर-सोशल मीडिया के उस युग में भी इन दो दिग्गजों के बीच दरार की खबरें और अफवाह खूब चर्चा में रहीं। सीधे चलते हैं उस टेस्ट पर जहां से ये किस्सा शुरू हुआ :
मैच कौन सा था: सीरीज का दूसरा टेस्ट, दिल्ली, 12-17 दिसंबर, 1984, इंग्लैंड का भारत टूर