Don Bradman Share Market: भारत में गलीनुक्कड़, अखबार और महफ़िल में चर्चा के आम टॉपिक- फिल्म, क्रिकेट, राजनीति और शेयर बाजार हैं। भारत में क्रिकेट और शेयर बाजार को जोड़ें तो मौजूदा दौर के कई क्रिकेटर के स्टॉक में इन्वेस्ट करने का जिक्र मिलता है पर क्रिकेट में इस मामले में एक स्टोरी तो कई साल पुरानी है और इसमें हैरानी है उस क्रिकेटर का नाम जिनका क्रिकेट में सबसे बड़ा परिचय बनाए रन और 100 के स्कोर हैं।
इसके लिए किस्सा लगभग 90 साल पहले से शुरू करना होगा यानि कि 1934 का साल जब डॉन ब्रैडमैन अपने शहर सिडनी को छोड़ कर एडिलेड आए थे। ब्रैडमैन को इसके लिए राजी किया हेनरी वारबर्टन जूनियर (Henry Warburton Hodgetts Jnr) ने और तब कहते थे कि जो कोई सोच भी नहीं सकता था, उन्होंने वह कमाल कर दिया है। ब्रैडमैन को दो कॉन्ट्रैक्ट मिले थे- हॉजेट्स के क्लब केंसिंग्टन के लिए खेलना और उनकी मशहूर स्टॉक ब्रोकिंग फर्म में नौकरी। तय हो गया था कि ब्रैडमैन अगले एशेज टूर से इंग्लैंड से लौटेंगे तो काम शुरू कर देंगे। ब्रैडमैन को अपने खेल के सामान के बिजनेस में बड़ा घाटा हुआ था और उन्हें तब काम की सख्त जरूरत थी।
स्टॉक ब्रोकिंग में तब भी उथल-पुथल होती रहती थी। ब्रैडमैन जैसे क्रिकेटर को एडिलेड लाने से बहरहाल हॉजेट्स का साउथ ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन में रूतबा एकदम बढ़ गया। वे इसके बाद एक और बेहतरीन युवा बल्लेबाज जैक बैडकॉक को तस्मानिया से ले आए। नतीजा- साउथ ऑस्ट्रेलिया की टीम मजबूत हो गई और अगले 4 में से 2 साल शेफ़ील्ड शील्ड जीती और बचे दोनों साल नंबर 2 थे। हॉजेट्स ने बड़ी होशियारी से ब्रैडमैन को नौकरी में दी जाने वाली 700 पौंड की सेलेरी में से 500 पौंड क्रिकेट एसोसिएशन से मंजूर करा लिए।