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IPL के सबसे बड़े जुर्माने के रिकॉर्ड वाला ऐसा झगड़ा जिसमें सचिन तेंदुलकर और शेन वार्न जैसे बड़े नाम उछले 

Shane Warne IPL Fight: गूगल सहित किसी भी सर्च इंजन पर आईपीएल के, अधूरी जानकारी के साथ, कुछ  गिने-चुने झगड़ों की लिस्ट मिलेगी। जिस झगड़े का यहां जिक्र कर रहे हैं, वह तो किसी लिस्ट में नहीं है। ये आईपीएल

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IPL के सबसे बड़े जुर्माने के रिकॉर्ड वाला ऐसा झगड़ा जिसमें सचिन तेंदुलकर और शेन वार्न जैसे बड़े नाम उछल
IPL के सबसे बड़े जुर्माने के रिकॉर्ड वाला ऐसा झगड़ा जिसमें सचिन तेंदुलकर और शेन वार्न जैसे बड़े नाम उछल (Image Source: AFP)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
May 01, 2025 • 04:03 PM

Shane Warne IPL Fight: गूगल सहित किसी भी सर्च इंजन पर आईपीएल के, अधूरी जानकारी के साथ, कुछ  गिने-चुने झगड़ों की लिस्ट मिलेगी। जिस झगड़े का यहां जिक्र कर रहे हैं, वह तो किसी लिस्ट में नहीं है।

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
May 01, 2025 • 04:03 PM

ये आईपीएल के ऐसे सबसे शर्मनाक झगड़ों में ऐसे एक है जिसकी न सिर्फ पूरी क्रिकेट की दुनिया में चर्चा हुई, एक पार्टी तो कोर्ट भी चली गई, खिलाड़ी पर 50000 डॉलर (आज 42.69 लाख रूपये के बराबर और हरभजन पर जुर्माने के बाद, आईपीएल में सबसे बड़ा) नकद जुर्माना और किसी फ़िल्मी स्टोरी की तरह इसके कई सब प्लाट बन गए। भूमिका के लिए बस इतना समझ लीजिए कि इस झगड़े का आधार लगभग वैसा ही है जैसा इन दिनों ईडन गार्डन्स की पिच के मिजाज पर कोलकाता नाइट राइडर्स के गुस्से में नजर आ रहा है। चलिए सीधे चलते हैं इस किस्से पर : 

मैच कौन सा था :  11 मई 2011 को शेन वार्न की राजस्थान रॉयल्स का सवाई मान सिंह स्टेडियम, जयपुर में विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ 

राजस्थान रॉयल्स 20 ओवर में 146/6 (राहुल द्रविड़ 37) 

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर 17 ओवर में 151/1 (क्रिस गेल 70*, कोहली 39*)

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर 9 विकेट से विजयी 

प्लेयर ऑफ द मैच श्रीनाथ अरविंद 3-34 

हुआ क्या था : इस मैच में हार से पहले ही, होम ग्राउंड जयपुर की पिच के मिजाज पर राजस्थान रॉयल्स टीम की निराशा सामने आने लगी थी। मैच खत्म होते ही इस पर खुल कर झगड़ा हुआ। जैसी पिच मांगी, वैसी न मिलने पर कप्तान शेन वार्न ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी संजय दीक्षित से झगड़ा कर लिया, उन्हें गालियां दीं, बुरा-भला कहा और हर किसी ने ये तमाशा देखा। आरसीए के वेन्यू डायरेक्टर नरेंद्र जोशी ने इस पर आईपीएल के सीईओ सुंदर रमन को चिट्ठी लिख दी और आरोप लगाया कि वार्न ने खुले-आम दीक्षित को 'झूठा और अहंकारी' कहा और उनकी बेज्जती की, इसलिए वार्न के विरुद्ध कार्रवाई करें।

असल में आग तो मैच से पहले ही सुलग रही थी। राजस्थान रॉयल्स का पिछला मैच (9 मई को), जयपुर में ही था और उसमें चेन्नई सुपर किंग्स से 63 रन से हारे थे। वह पिच वार्न की टीम को रास नहीं आई थी और इसलिए उस हार के बाद वार्न ने अनुरोध किया कि आरसीबी वाला अगला मैच किसी और पिच पर खिलाएं। आरोप है कि दीक्षित ने इस अनुरोध को न माना और आरसीबी वाले मैच के लिए, चेन्नई से हार वाली पिच न बदली। इन दोनों मैच वाली पिच फ्लैट थी, जबकि राजस्थान ने जयपुर में अपने पहले 5 मैच जिस पिच पर खेले थे, वह धीमी और नीची थी। 

दीक्षित सफाई देते रहे कि पिच चुनने से उनका कोई लेना-देना नहीं और ये पिच कमेटी और क्यूरेटर का काम है। इसलिए वे वार्न से ख़ास नाराज थे और उनके विरुद्ध एक्शन की मांग करने लगे। जब ये मामला उछला तो बीसीसीआई ने सफाई दी कि 'खेलने वाली किसी भी टीम के पास, मैच के लिए पिच चुनने का कोई अधिकार नहीं है और क्यूरेटर, पिच कमेटी के चीफ की सलाह से विकेट तैयार करता है।' इस तरह साफ़ इशारा हो गया कि वार्न गलत मुद्दे पर लड़े। 

उस सीजन में जयपुर की पिच पर पहली बार चर्चा मुंबई इंडियंस वाले मैच (29 अप्रैल) में हुई थी (उसमें एमआई 20 ओवर में सिर्फ 94-8 और हारे) तथा सचिन तेंदुलकर ने भी इस पिच को सही नहीं बताया था। तब वार्न और दीक्षित दोनों एक सुर में तेंदुलकर के कमेंट के विरुद्ध बोले थे। इस झगड़े के चलते बहरहाल बीसीसीआई ने अपनी पिच कमेटी के चीफ वेंकट सुंदरम को फ़ौरन जयपुर भेजा और आगे के सभी मैच में वे मौजूद थे। उनके आने के बाद ही पिच बदली और राजस्थान की टीम हारी। यही पिच आरसीबी वाले मैच में इस्तेमाल हुई (ये उस सीजन में न सिर्फ राजस्थान का आखिरी होम मैच था, वॉर्न का भी जयपुर में आखिरी मैच था और वे जीत के साथ इसे यादगार बनाना चाहते थे) और फिर से राजस्थान टीम हारी। अंदर ही अंदर, वे इस बात पर भी नाराज थे कि तेंदुलकर ने पिच की जो आलोचना की (टीम ने ऑफिशियल शिकायत भी की) उसे बीसीसीआई ने जरूरत से ज्यादा भाव दिया, तेंदुलकर ने हार के लिए राजस्थान की गेंदबाजी की तारीफ़ की जगह पिच को बहाना बनाया और झगड़े का बीज, उसी ने बोया।  

इस तरह आरसीए की वॉर्न पर एक्शन की शिकायत से वार्न मुश्किल में फंस गए। और तो और आरसीए ने बीसीसीआई और आईपीएल में शिकायत के साथ-साथ लोकल कोर्ट में भी शिकायत कर दी। सवाई मान सिंह स्टेडियम में प्रेजेंटेशन के ठीक बाद सभी के सामने, गालियां देने और बुरा-भला कहने का ये प्रोग्राम हुआ था। कहते तो ये हैं कि अगर वहीं खड़ी फिल्म स्टार शिल्पा शेट्टी (वे तब राजस्थान रॉयल्स में शेयर होल्डर थीं) ने रोका न होता तो वार्न तो बहुत गुस्से में थे। बाद में हालांकि वार्न ने जो हुआ उसके लिए माफी मांगी पर बात बिगड़ गई थी। 

इसके बाद क्या हुआ : वैसे रिकॉर्ड में ये भी है कि 

* मनचाही पिच की मांग पर दीक्षित को जो टेक्स्ट मैसेज वार्न ने बार-बार भेजे, दीक्षित ने वे बीसीसीआई को फॉरवर्ड कर दिए। 

* हार के बाद वार्न ने ये भी आरोप लगाया कि दीक्षित की वजह से राजस्थान रॉयल्स का प्लेऑफ में खेलना खतरे में पड़ गया है। 

वार्न ने (फ्रेंचाइजी की अपनी जांच के बाद) माफी मांग ली  और राजस्थान रॉयल्स ने भी माफी मांगी पर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन ने इन दोनों को मानने से इंकार कर दिया। इस पर आईपीएल ने मामले की जांच के लिए तीन मेंबर (आईपीएल कमिश्नर चिरायु अमीन, रवि शास्त्री और आईएमजी ऑफिशियल जॉन) वाली कमेटी बना दी। 

उधर एक नया सब प्लॉट ये बना कि वार्न के साथ आस्ट्रेलिया टीम में खेले डीन जोंस (उस सीजन में कमेंटेटर) ने एक टेलीविजन चैनल पर वार्न का साथ दिया और एसोसिएशन को गलत बताया। उनके 'वार्न के पैर चाटने' वाले कमेंट पर तो बड़ा तमाशा हुआ। इस पर जोंस पर एक्शन का फ्रंट भी खुल गया और एसोसिएशन उन्हें भी कोर्ट ले गई। ये किस्सा एक अलग स्टोरी है।  

किसे क्या सजा मिली : बीसीसीआई ने शेन वार्न पर 50000 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया, चेतावनी दी पर लिहाज करते हुए बैन से बचा लिया। ये माना कि वार्न ने आईपीएल कोड ऑफ कंडक्ट तोड़ा। कमेटी ने ये ध्यान में रखा कि वार्न, न सिर्फ क्रिकेट ग्रेट में से एक हैं और आईपीएल को प्रमोट करने में बड़ा योगदान दिया है, दीक्षित से माफी भी मांग ली है। बैन न लगने से, वार्न के आईपीएल में अपना आख़िरी मैच खेलने का रास्ता साफ हो गया (वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस के विरुद्ध)। वह मैच राजस्थान रॉयल्स ने 10 विकेट से जीता। ये शेन वार्न के क्रिकेट करियर का आखिरी प्रोफेशनल मैच था। 

इस किस्से में दूसरा सब प्लॉट पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी ने खोल दिया और वार्न पर 50000 डॉलर के जुर्माने के जिक्र में , बीसीसीआई को 'पैसे का लालची' कह दिया। उनकी नजर में ये जुर्माना बिलकुल गलत था। एक नया मुद्दा ये  उठा दिया कि पिच मामले में दीक्षित ने भी तो तेंदुलकर का मजाक उड़ाया तो उन पर एक्शन क्यों नहीं लिया? उनकी नजर में, वार्न जैसे ग्रेट का माफी मांगना ही बहुत था और नकद जुर्माने की कोई जरूरत ही नहीं थी। 

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- चरनपाल सिंह सोबती
 

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