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ताबें के जज्बे को सलाम

आईपीएल हमेशा नई प्रतिभाओं को मौका देने के लिए जाना जाता है। लेकिन आईपीएल ने युवा क्रिकेटर्स के अलावा उन क्रिकेटर्स को भी खेलने का मौका दिया है जिनके टैलेंट को कोई शुरूआत के दिनों में नहीं पहचान पाया। ऐसा

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Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Feb 10, 2015 • 02:29 PM

आईपीएल हमेशा नई प्रतिभाओं को मौका देने के लिए जाना जाता है। लेकिन आईपीएल ने युवा क्रिकेटर्स के अलावा उन क्रिकेटर्स को भी खेलने का मौका दिया है जिनके टैलेंट को कोई शुरूआत के दिनों में नहीं पहचान पाया। ऐसा ही एक टैलेंटड खिलाड़ी आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की टीम की तरफ से खेल रहा है और उस खिलाड़ी का नाम है प्रवीण विजय तांबे। राजस्थान की टीम में महत्वपूर्ण रोल निभा रहे लेग स्पिनर प्रवीण तांबे की उम्र 42 साल है इस उम्र में खिलाड़ी रिटायर हो जाते है लेकिन वह अभी भी डटे हुए हैं। उन्होंने वो कमाल कर दिखया है जो शायद ही देखने को मिलता है। तांबे ने ना तो कोइ टेस्ट मैच खेला है न ही वन डे मैच । प्रवीण तांबे ने अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेटर करियर की शुरूआत 2013 में राजस्थान रॉयल्स की टीम की तरफ खेलकर की थी। इससे पहले वह पिछले 20 सालों से ज्यादा समय तक मुंबई में क्लब क्रिकेट खेला करते थे। आईपीएल में खेलने के बाद ही उन्हें दिसंबर 2013 में रणजी ट्रॉफी में मुंबई की टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला। उन्होंने अब तक रणजी ट्रॉफी में केवल 2 ही मैच खेले हैं। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
February 10, 2015 • 02:29 PM

सन् 2000 में रणजी टीम के लिए संभावित खिलाड़ियों में प्रवीण तांबे का नाम आया था लेकिन उन्हें चुना नहीं गया और उसके 13 साल बाद 41 साल की उम्र में उन्हें रणजी में डेब्यू किया।      

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आईपीएल मैचों में काम करते थे तांबे

आईपीएल में राजस्थान की तरफ की तरफ से चुने जाने से पहले तांबे मुंबई में क्लब क्रिकेट क्लब खेलने के काम चलाऊ जॉब किया करते थे। 2013 से पहले जब भी नवी मुंबई के डी वाई पाटिल स्टेडियम में आईपीएल का कोई मैच हुआ करता था तो तांबे वहां संपर्क अधिकारी के तौर पर काम किया करते थे। लेकिन क्रिकेट के प्रति उनके जोश और मेहनत में उन्हें उसी आईपीएल स्टार बना दिया।  

हार माननें वालों में से नहीं है तांबे

नेशनल लेवल पर मौका नहीं मिलने पर उन्होंने 20 साल से ज्यादा समय तक क्लब क्रिकेट खेला। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और ना ही क्रिकेट का साथ छोड़ा, ना जाने तांबे किस मिट्टी के बने हैं उन्होने बिना रूके बिन थके अपनी प्रैक्टिस ज़ारी रखी। इसका फल उन्हें तब मिल जब उनका सिलेक्शन पिछले  साल आईपीएल के लिए हुआ। मौका मिलते ही उन्होंने दुनिया को दिखा दिया कि उनमें कितनी प्रतिभा हैं। राजस्थान की टीम में उनको चुने जाने का श्रेय काफी हद तक राहुल द्रविड को दिया जाता है। आईपीएल सीजन 7 में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ हारते हुए मैच में कप्तान शेन वॉटसन ने तांबे को गेंद थमाई तो तांबे ने अपने कप्तान को बिल्कुल भी निराश नहीं किया और लगातार तीन बॉलों पर तीन खिलाड़ियों आउट करके हैट्रिक बनाई। यह आईपीएल 7 की पहली हैट्रिक थी। ताबें की शानदार बॉलिंग की मदद से राजस्थान रॉयल्स की टीम ने हारा हुआ मैच जीत लिया था । इसके अलावा प्रवीण तांबे ने चैंपियस ट्रॉफी 2013 में शानदार बॉलिंग की थी। तांबे ने 5 मैचों में 6.50 की एवरेज से 12 विकेट लिए थे। उनकी एवरेज वर्ल्ड क्लास स्पिनर सुनील नारायण और आर अश्विन से भी अच्छी थी
 
तांबे काफी मेहनती हैं और सन्यास लेने की उम्र में उन्होंने आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेलना शुरू किया जो अपने आप मे काबिले तारीफ है। तांबे आशावादी हैँ, अगर उनका यही प्रदर्शन जारी रह तो हो सकता है आगे इससे बेहतर मौका मिल जाए। क्रिकेट के इतिहास पर भी गौर करें तो ऐसे कई उदहारण भी देखने  को मिलते हैं  जब 50 साल तक खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया है। 

इंडिया की तरफ से रुस्तमजी जमशेदजी ने 41 साल 21 दिन और सी.रामास्वामी ने 40 साल 37 दिन की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। इंग्लैंड के जेम्स साऊथटर्न ने 49 साल 119 दिन की उम्र में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था।
  
प्रवीण तांबे भले ही 42  साल के हैं हो लेकिन मैदान पर उनकी फुर्ती देखने लायक है। आज भी उनमें जोश की कोई कमी नहीं है और अगर इच्छा शक्ति हो तो दुनिया मे सब कुछ संभव है। 


प्रदीप महतो

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