टेबिल टेनिस के स्टार सौम्यदीप 8 घंटे करते है अभ्यास
इंदौर, 3 फरवरी टेबिल टेनिस के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं सौम्यदीप। वे अभी महज 18 साल के हैं और अपनी सफलता के सिलसिले को जारी रखने के लिए हर रोज आठ से नौ घंटे अभ्यास करते हैं।
Table Tennis International: टेबिल टेनिस के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं सौम्यदीप। वे अभी महज 18 साल के हैं और अपनी सफलता के सिलसिले को जारी रखने के लिए हर रोज आठ से नौ घंटे अभ्यास करते हैं।
मध्य प्रदेश में इन दिनों खेलो इंडिया गेम्स चल रहे हैं, इसमें हिस्सा लेने आए सौम्यदीप सरकार 18 वर्ष के हैं। वे पश्चिम बंगाल से हैं। वे पदक विजेता, राष्ट्रीय चैंपियन और कई सम्मान के विजेता हैं।
सौम्यदीप सरकार को उनके माता-पिता ने छह साल की उम्र में टेबल टेनिस से परिचित कराया था। उनके दादाजी एक अच्छे बैडमिंटन खिलाड़ी थे और सौम्यदीप के माता-पिता उन्हें टेबल टेनिस में अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखने का सपना देखते थे। उनका मानना था कि टेबल टेनिस के लिए प्यार देखने के बजाय खेलते हुए ही आता है। यह सौम्यदीप का चैथा खेलो इंडिया यूथ गेम है। पिछले खेलों इंडिया यूथ गेम्स में उन्होंने रजत पदक जीते हैं।
सौम्यदीप सरकार ने 80वें राष्ट्रीय सब जूनियर टेबल टेनिस टूनार्मेंट में रजत पदक जीता है। चंडीगढ़ में राष्ट्रीय चेंपियनशिप में कांस्य पदक, सिलीगुड़ी में वर्ष 2016 और विजयवाड़ा में वर्ष 2017 में 63वीं राष्ट्रीय खेल चेंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
सौम्यदीप ने खेलो इंडिया के अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि इस प्रकार के टूनार्मेंट एक खिलाड़ी को आगे बढ़ने में जबरदस्त मदद कर सकते हैं और इस प्रकार के मंच राष्ट्र मंडल खेलों, एशियाई खेलों और प्रमुख एवं अनिवार्य रूप से ओलंपिक की तैयारी का अवसर देते हैं। साथ ही खिलाड़ी को आत्म-विश्वास बढ़ाने और कौशल विकसित करने में मदद कर सकते हैं। खिलाड़ी को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए छात्रवृत्ति भी मिल सकती है।
सौम्यदीप को टेबल टेनिस ने अनुशासन, ²ढ़ता, निरंतरता सिखाई है जो उन्हें सफलता की ओर ले जाती है। वह जहां भी जाते हैं उन्हें हमेशा सुर्खियां मिलती हैं।
सौम्यदीप ने खेलो इंडिया के अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि इस प्रकार के टूनार्मेंट एक खिलाड़ी को आगे बढ़ने में जबरदस्त मदद कर सकते हैं और इस प्रकार के मंच राष्ट्र मंडल खेलों, एशियाई खेलों और प्रमुख एवं अनिवार्य रूप से ओलंपिक की तैयारी का अवसर देते हैं। साथ ही खिलाड़ी को आत्म-विश्वास बढ़ाने और कौशल विकसित करने में मदद कर सकते हैं। खिलाड़ी को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए छात्रवृत्ति भी मिल सकती है।
Also Read: क्रिकेट के अनसुने किस्से
This story has not been edited by Cricketnmore staff and is auto-generated from a syndicated feed